लखनऊ: लोकसभा में गुरुवार को वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दो अहम विधेयक पेश होने वाले हैं। इसमें वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों को कम कर इसकी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने संबंधी संशोधन किया गया है। इसके अलावा मुस्लिम महिलाओं समेत समाज के अन्य पिछड़े वर्ग, शिया, सुन्नी, बोहरा और आगाखानी जैसे वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के की व्यवस्था बनाई है। संशोधन बिल पेश होने से पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा रियल एस्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में 'जनता' के स्थान पर 'जमीन' लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए।
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है - 'वक्फ बोर्ड का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नजूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है। वक्फ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : भाजपाई-हित में जारी। इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी।'
दो बिल होंगे पेश
आपको बता दें कि पहले बिल के जरिए वक्फ कानून 1955 में महत्वपूर्ण संशोधन लाए जाएंगे, वहीं दूसरे बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा। इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू 18 फरवरी, 2014 को मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के कार्यकाल में राज्यसभा में पेश किए गए वक्फ संपत्ति से जुड़े कानून को वापस लेने का विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे।
लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा होना तय
वक्फ कानून में संशोधन के मोदी सरकार के प्रयासों का जिस तरह से विरोध किया जा रहा है, उसे देखते हुए दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा होना तय माना जा रहा है। लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, गुरुवार को केंद्रीय उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति को प्रतिनिधित्व देने वाले विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव भी सदन में रखेंगे।