Hemant Soren: 'आखिरी कील ठोकने का समय आ गया', रिहाई के बाद आक्रामक हुए हेमंत सोरेन; BJP को दे डाली ये चुनौती Featured

BJP पूर्व मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने जेल से रिहाई के बाद आक्रामक तेवर अख्तियार किया है।

केंद्र सरकार पर बोला हमला

हेमंत सोरेन ने कहा कि पांच महीने मैं फर्जी आरोप में जेल में रहा। साजिश थी कि हम उनके विरुद्ध खड़ा नहीं हो पाए। उसकी जुगत ये लगाए हुए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं। न्यायालय से मुझे न्याय मिला। न्यायालय के न्याय में जो बातें आदेश में लिखी गई है, उसे पूरे देश और राज्य के लोग पढ़ रहे हैं। पांच महीने में शायद ये राज्य और आगे बढ़ सकता था।

हमने जो गति देने का प्रयास किया, उस गति को हम और रफ्तार दे सकते थे। इनको डर था कि हम और ज्यादा समय रह गए तो भाजपा आने वाले समय में दीया लगाकर ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगा। हम इस बात को हमेशा मानकर चले हैं कि भगवान में घर में देर है, अंधेर नहीं।

 

सच्चाई को आप किसी सीमेंट, जंजीर से दफन नहीं कर सकते। वह उभरकर आता है। आज उसी का परिणाम है कि मैं आपके बीच आपका नेतृत्व करने के लिए हूं। अभी लोकसभा चुनाव जीते हैं। परिणाम खुशी और दुख का समावेश है। इस चुनाव के माध्यम से गरीब, युवा, आदिवासी मूलवासी को

षड्यंत्र का देंगे मुंहतोड़ जवाब

हेमंत सोरेन ने कहा कि जेल में दलित, पिछड़ा, गरीब, युवा बंद हैं। उनकी तकलीफ बयान नहीं कर सकता। सुनियोजित तरीके से खनिज संपदा से संपन्न राज्य को पीछे धकेला गया। पूरे देश की अर्थव्यवस्था हमसे चलती है, रेवन्यू के बदले में हमें भीख मिलता है। बहुत जल्द राज्य और देश में बदलाव देखने को मिलेगा।

सिरिंज से खून चूस रहे, आपस में लड़ाते हैं लोगों को

हेमत सोरेन ने कहा कि भाजपा का काम आपस में लोगों को लड़ाना है। ये लोग लगातार षड्यंत्र को अंजाम दे रहे हैं। ये भाई-भाई को लड़ाते, हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाते, आदिवासी इसाई के नाम पर, अगड़ा पिछड़ा के नाम पर लगाते हैं। इसी में इनको डिग्री मिला हुआ है।

 

2024 में जनता ने इन्हें ऐसी लाठी मारा है कि दर्द दिखा नहीं, लेकिन ये बिलबिला रहे हैं। पाप का घड़ा भर रहा है। नीट का पेपर लीक, ट्रेन दुर्घटना, एयरपोर्ट ढ़हने की बात हो, ये ऐसे लोग हैं जो सिरिंज से यहां के लोगों का खून चूसने का काम कर रहे हैं। कोरोना में फर्जी दवा पूरे देश में सप्लाई की। ये अपनी करतूत से बाज नहीं आते।

 

इन्होंने संवैधानिक संस्थाओं को मुट्ठी में कर लिया है। सबसे बड़ी अदालत जनता की अदालत है। आप इस दीये को बुझने नहीं दें। हम अपने पूर्वजों का संकल्प पूरा करेंगे। हमलोगों को भटकाने का प्रयास होगा। मनुवादी और सामंती सोच को खत्म करने का वक्त आ गया है।

 

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