बोलता गांव डेस्क।।
धमतरी की रहने वाली स्मारिका चंद्राकर इन दिनों आसपास के इलाके के साथ ही देशभर में अपने स्टार्टअप को लेकर चर्चा में है. इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री लेकर पुणे में अपना करियर बनाने के बाद स्मारिका निजी कंपनी की मोटी तन्ख्वाह वाली नौकरी छोड़ अपने गांव लौट परिवार के परंपरागत व्यवसाय खेती को संभाला. स्मारिका ने परंपरागत धान की फसल को छोड़ सब्जी की खेती शुरू की थी.
आज दो साल में स्मारिका का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ को पार कर चुका है. इसके साथ ही वह 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी दे रही है. इंजीनियर से किसान बनी स्मारिका ने साबित कर दिया की सही प्लानिंग और कड़ी मेहनत से गांव का किसान भी शहर के सेठ जैसा धनवान बन सकता है. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में कुरूद ब्लाक का एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम है चरमुड़िया. यहां रहने वाली स्मारिका चंद्राकर हाई क्लास लाइफ मेंटेन करती है.
आधुनिक संसाधनों वाला शानदार मकान, जहां वो सारी सुख सुविधाएं है जो किसी भी मेट्रो सिटी के आलीशान मकान में होती है. अपना बंगला, अपनी एसयूवी और आईफोन का लेटेस्ट वर्जन. साथ ही स्मारिका आईमैक के लैपटाप पर काम करती है. हेयर स्टाइल और ड्रेसिंग स्टाइल से लेकर लाइफ स्टाइल और डेली वर्क शेड्यूल बिल्कुल किसी निजी कंपनी के सीईओ जैसा. स्मारिका का सालाना टर्न ओवर भी एक करोड़ से ज्यादा का है.
आप जान कर हैरान होंगे कि इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री रखने वाली स्मारिका किसी निजी कंपनी की सीईओ नही बल्कि गांव की एक किसान है और अपने पुरखों की खेती में से 19 एकड़ में सब्जियों की फसल उगा रही है. स्मारिका ने 19 एकड़ के खेतों के चारों तरफ से फैंसिग करवाई है और इसे धारा कृषि फार्म नाम दिया है, जो पूरी प्लानिंग के साथ तैयार की गई है. चाहे सिंचाई के लिये आधुननिक ड्रिप सिंस्टम हो या दवाई छिड़काव के लिये लगाई गई आटोमैटिक मशीने सबकुछ सही जगह पर है.