बोलता गांव डेस्क।।
महासमुंद: छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के जीवन में किस तरह सकारात्मक बदलाव लेकर आते है। इसकी एक बानगी ग्राम चिंगरौद के किसान धनीराम साहू से जाना जा सकता है। धनीराम के पास सात एकड़ जमीन है। जिसमें वे दूसरे के साधन का उपयोग कर जैसे-तैसे खेती कार्य करते थे। इससे खर्च अधिक होता था और समय में कार्य भी नहीं हो पाता था।
किसान ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने से और उससे मिली राशि से अपने खेती कार्य के लिए एक जोड़ी बैल खरीद लिए हैं। अब वे आराम से और समय पर खेती कार्य कर रहे हैं। अब दूसरे पर निर्भरता खत्म हो गयी है। इससे कृषक को अपने फसल से अतिरिक्त आय प्राप्त हुआ और कृषक के परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। पिछले वर्ष 2022 में योजना से प्राप्त 4 किस्त की राशि 48300 रुपए मिलने पर अपने खेती कार्य के लिए एक जोड़ी बैल खरीद लिया है।
उन्हांने बताया कि इस वर्ष खरीफ धान फसल से 105 क्विंटल का धान विक्रय किया। जिससे राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत प्रथम किस्त 12 हजार 75 रुपए की राशि मिल गया है। इस राशि से कृषि कार्य हेतु बीज एवं खाद का क्रय किया। अब मुझे साहूकार से कर्ज लेने की अवश्यकता नही पड़ती और न ही किसी दूसरे से साधन की तलाश करनी पड़ती है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मेरे आर्थिक स्तर में सुधार हुआ और जिससे मेरे खेती किसानी करने में बहूत मदद मिल रही है। इस कारगर योजना के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद भी दिया है।