छत्तीसगढ़ में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देते हुए उत्पादकता बढ़ाने के उद्धेश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में अब खरीफ सीजन में कृषि फसलों के साथ उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है। राज्य शासन द्वारा योजना के तहत खरीफ 2021 के लिए कृषकों के पंजीयन के लिए अंतिम तिथि 30 सितम्बर से बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2021 की गई है।
उप संचालक कृषि श्री नारायण सिंह लावत्रे ने बताया कि खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को योजना के प्रावधान के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) मिलेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसानों को पंजीयन कराना जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ सीजन 2020 में धान की खेती वाले रकबे में यदि उद्यानिकी फसलों की खेती चालू खरीफ सीजन में किए जाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में खरीफ सीजन 2021-22 में धान, गन्ना, मक्का, अरहर, सोयाबीन, दलहन-तिलहन के उत्पादक किसानों को इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया था। बाद में इस योजना के प्रावधान को संशोधित कर उसमें कोदो, कुटकी और रागी को भी शामिल किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गत दिनों आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ वर्ष 2021-22 से खरीफ की सभी फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
खरीफ मौसम में राज्य में फलोत्पादन के तहत केला, पपीता, नाशपाती, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला एवं नींबू वर्गीय फसलें तथा सब्जी की खेती के अंतर्गत टमाटर, आलू, भिंडी, बैगन, शकरकंद एवं कद्दू वर्गीय फसलें, पुष्प के अंतर्गत गुलाब एवं गेंदा फूल की खेती, मसाले की अंतर्गत मिर्ची, हल्दी, अदरक उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ की मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) दी जाएगी। काजू प्लांटेशन करने वाले कृषकों को भी इस योजना के तहत अनुदान सहायता मिलेगी।