छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना का आगाज किया है। अब खाली पड़े खेतों में वृक्षारोपण करने पर तीन साल तक प्रति एकड़ के हिसाब से 10 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी । इस योजना के लिए वन विभाग ने 99 लाख से अधिक पौधे लगाए जाने की तैयारी कर ली है। एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं इस योजना का आगाज किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को राजीव गांधी न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है। जिन किसानों ने खरीब वर्ष में धान की फसल ली है, अब अगर वो धान की फसल की जगह अपने खेतों में वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें आने वाले तीन सालों तक प्रति एकड़ के हिसाब से 10 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इस योजना से पंचायतो को फायदा मिलने की बात भी कहा गया है। मुख्यमंत्री में कहा कि अगर ग्राम पंचायतें अपने पास मौजूद राशि से वृक्षारोपण करती है तो एक साल बाद उन्हें 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे पंचायतों की आय में वृद्धि की बात भी कही गयी है। यदि कर्मशियल ढंग से राजस्व भूमि पर संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि के द्वारा वृक्षारोपण किया जाता है तो संबंधित समिति को भी प्रति एकड़ के हिसाब से 10 हजार रुपए मिलेंगे।
सरकार के द्वारा इस योजना के तहत लगाए गए पेड़ के कटाई से संबंधित नियम भी सार्वजनिक किया गया है। किसानों को लगाए गए पेड़ को अगर काटने की जरूरत हो तो उन्हें कोई विभागीय अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें भविष्य में किसी भी विभाग से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। जो समितियां कर्मशियल उपयोग के लिए पेड़ लगाती है तो काटने और विक्रय करने का अधिकार संबंधित समिति को होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि फलदार वृक्षों की वजह से बच्चों को पौष्टिक फलों का स्वाद घर में ही मिल सकेगा। जिससे कुपोषण दर में कमी आएगी। साथ ही साथ पर्यावरण भी संतुलित होगा और पेड़ लगाने से किसानों को आर्थिक मदद भी मिलेगा। इससे गांवों और जंगलों की तस्वीर भी बदलेगी। गाँव में फिर से हरियाली आएगी।