छत्तीसगढ़ के किसानों राजीव गांधी किसान न्याय योजना तहत सीजन 2020-21 की पहली किश्त का भुगतान आज (21 मई) दी जा रही
छत्तीसगढ़ सरकार आज राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त देगी। ये किस्त वर्ष 2020-21 में धान बेचने वाले साढ़े 22 लाख किसानों को मिलेगी। सरकार इस योजना के लिए बजट 5 हजार 703 करोड़ रुपए स्वीकृत की है।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि राज्य सरकार अपने किसानों से किया वादा हर साल पूरा कर रही है। इस साल भी प्रदेश के किसानों को 15 सौ करोड़ रुपए की पहली किस्त किसान न्याय योजना के माध्यम से दी जाएगी। इसके साथ ही गोधन न्याय योजना की पहली किस्त के रूप में गोबर बेचने वालों को 7 करोड़ 17 लाख की राशि का भुगतान होगा।
बता दें पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ सीजन 2020-21 की पहली किश्त के रूप में प्रदेश के 22 लाख किसानों को 1500 करोड़ रूपए की कृषि आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) प्रदान की जा रही है ।
इसी के साथ ही गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के करीब 72 हजार पशुपालकों को गोबर खरीदी के एवज में 7 करोड़ 17 लाख रूपए तथा गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 3.6 करोड़ रूपए की राशि ऑनलाइन अंतरित की जाएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फसल उत्पादकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 21 मई 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की गई है
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अब तक कितना भुगतान
इस योजना के तहत खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत लगभग 19 लाख किसानों को कृषि आदान सहायता के रूप में 5628 करोड़ रूपए की आदान सहायता राशि दी गई है। चार किश्तों में यह राशि किसानों के बैंक खाते में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंतरित की गई है।
धान के साथ अन्य फ़सल उत्पादक कृषकों को भी प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बीते 19 मई को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में कई अहम निर्णय लिए हैं। जिसमें अब खरीफ वर्ष 2020-21 में किसानों से क्रय किये गये धान पर 9,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जायेगी। आगामी वर्षाें में भी खरीफ सीजन में धान उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगन्धित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल उत्पादित करते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9,000 रूपए के स्थान पर 10,000 रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को 3 वर्षों तक यह अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जायेगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,000 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
कार्यक्रम में सभी मंत्री मौजूद रहेंगे। वहीं इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी वर्चुअल जुड़ेंगे।