सुकमा: जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक स्थित कोकावाड़ा ग्राम में ग्रामीणों द्वारा जल संशाधन विभाग पर भ्रष्टाचार का एक बड़ा आरोप लगाया है। दरअसल कोकावाड़ा में स्थित तालाब जो कि 100 वर्षो से कोकावाड़ा ग्राम की शान है जिसकी मरम्मत व गहरीकरण के लिए जलसंसाधन विभाग द्वारा करीब 98 लाख 84 हजार का कार्य स्वीकृत किया।
कार्य भी हुआ मगर अब ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया कि इतनी बड़ी राशि शासन द्वारा स्वीकृत कि गयी। मगर विभाग कि मिली भगत से अधूरा कार्य कर पैसे निकाल लिए गए, काम के नाम पर सिर्फ घास उखाड़ा गया, जबकि तालाब कुल 22 एकड़ में फैला हुआ है।
बता दे कि यह कार्य मनरेगा के तहत हुआ लेकिन मजदूर के जगह मशीनों से कार्य किया गया, जिसमें जलसंसाधन विभाग एक बड़ा भ्रष्टाचार करता प्रतीत हो रहा है ग्रमीणों का कहना है तालाब को चारों ओर से एक बराबर करने की हमारी माँग थी पर अभी भी जिस जगह पानी है उसके बराबर नही किया गया गहरीकरण के नाम पर बस तालाब के घास की सफाई कर दी और कुछ भी नही हुआ है इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी आरोप है कि विभाग ने ग्रामीणों द्वारा पाली गयी मछलियों को भी बिना बताए खोल दिया गया जिससे ग्राम वासियों का बहुत नुकसान भी हुआ है।