छत्तीसगढ़: गोधन न्याय योजना से आत्मनिर्भर होकर, आय अर्जित कर रहे स्व-सहायता समूह Featured

गोधन न्याय योजना से आत्मनिर्भर होकर, आय अर्जित कर रहे स्व-सहायता समूह गोधन न्याय योजना से आत्मनिर्भर होकर, आय अर्जित कर रहे स्व-सहायता समूह

रायपुर: छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूह गोबर से खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर अपने कुशल प्रबंधन से आय अर्जित कर रहे हैं। इसी कड़ी में रायपुर नगर निगम के अंतगर्त डंगनिया क्षेत्र में एसएलआर सेंटर के अंतर्गत जय लक्ष्मी महिला स्व-सहायता आर्थिक आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। 

गोधन गणेश

आपको बता दे कि गोधन न्याय योजना की मदद से स्व सहायता समूह ने 15 मई तक 6 हजार 412 किलो खाद का उत्पादन किया है, जिसमें से 3 हजार 570 किलो खाद की बिक्री से 35 हजार 700 रुपए की आय का लाभ हुआ। इसके अलावा समूह ने गोबर की लकड़ियों एवं कंडे के विक्रय से 26 हजार 355 रुपए की आय भी अर्जित की है। वहीं, रायपुर नगर निगम द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता के रूप में जय लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह को एक लाख दो हजार रुपए की राशि दी गई है। 

गोधन पॉट 

गौरतलब है कि गोठानों में गोबर से खाद तथा अन्य वस्तुओं का निर्माण कर रहे समूहों का गठन आत्मनिर्भर माडल के आधार पर किया गया है। इन समूहों को यह अधिकार दिए गए है कि गोबर से निर्मित सभी उत्पाद जैसे खाद, कंडे, लकड़ी की बिक्री से प्राप्त राशि उनके खाते में अंतरित होती है।

कंदा

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Last modified on Sunday, 30 May 2021 13:51

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