राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में हुआ सौंदर्यीकरण एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है, सौंदर्यीकरण में 40 करोड का भ्रष्टाचार होने का आरोप नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने लगाया है, 40 करोड़ की लागत से हुए सौंदर्यीकरण की दुर्दशा बिगड़ गई है, प्रारंभिक दौर से खराब म्यूजिकल फाउंटेन अब कबाड़ हो चुका है।
उन्होंने इस भ्रष्टाचार का आरोप मेयर एजाज ढेबर और निगम के अधिकरी पर लगाते हुए कहा कि निर्माण के 5 महीने बाद से ही कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। गुपचुप तरीक़े से पाथवे उखाड़े जा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष व BJP पार्षदों का कहना है कि आख़िर जनता के पैसों को क्यों बर्बाद किया. निर्माण के समय गड़बड़ी हुई तो ज़िम्मेदार कहां थे. अधिकारी और ज़िम्मेदार जन प्रतिनिधि पैसों का बंदरबांट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे फ़ेस के लिए 30 करोड़ पास हुआ है.
उन्होंने सवाल उठाया है कि पहले चरण में 40 करोड़ से ज़्यादा लागत से हुए सौंदर्यीकरण को तोड़ा क्यों जा रहा है. बने काम को तोड़कर उसमें दूसरे फ़ेस के लिए 30 करोड़ पास कर बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इसको लेकर सबूत की ज़रूरत नहीं है, यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा बड़ी गड़बड़ी हुई है.
उन्होंने यह भी कहा की जब गड़बड़ी के जांच में अभी तक क्या कार्रवाई हुई है
किन-किन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है
जो ठेकेदार पहले फ़ेस में काम किया था, गड़बड़ी के बाद वही कैसे काम कर रहा है.
ये तमाम सवाल है, जिसका महापौर जवाब दें.
वहीं महापौर ढ़ेबर ने कहा कि काम में गड़बड़ियां सामने आई थी, लेबलिंग ग़लत हुआ था. चूहों का अड्डा बन गया था. इसलिए उखाड़कर तोड़कर फिर से बनाया जा रहा है. वही ठेकेदार है जो पहले फ़ेस में काम किया था. दूसरे फ़ेस में वही काम कर रहे हैं, इनके लिए कोई बजट नहीं दिया गया।