स्कूल बसों की हड़ताल से बच्चों की पढ़ाई पर संकट, परिवजनों पर बढ़ी बच्चों को स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी Featured

बोलता गांव डेस्क।।

 

 

रायपुर। हिट-रन-एंड कानून के विरोध में ट्रक-बस सहित अन्य ड्राइवरों की हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। हड़ताल के चलते डीजल नहीं मिला और इस दिन बच्चों को ले जाने के लिए स्कूल वैन और बसें शहर में नहीं चली। हालांकि स्कूल संचालकों ने पालकों को सूचित कर दिया था कि वे अपने बच्चो को स्कूल तक पहुंचाएं।

 

 

राजधानी रायपुर सहित प्रदेश भर में डीजल-पेट्रोल की किल्लत के चलते स्कूल बसों के पहिये थम गए हैं। आज सुबह जब बसें बच्चों को लेने नहीं पहुंची तो परिजनों ने ही बच्चों को स्कूल तक छोड़ा। इस संबंध में जानने के लिए हमने KPS स्कूल, डूंडा से संपर्क किया, तब वहां मौजूद राघवेंद्र राव ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई का कार्य जारी है, मगर बसें नहीं चलने के चलते अधिकांश पालकों ने अपने बच्चों को स्कूल तक छोड़ा। डीजल सुचारु रूप से मिलने तक बसों का परिचालन बंद ही रहेगा।

 

स्कूलों में जारी रहेगी पढ़ाई : गुप्ता

चालकों की इस हड़ताल का एमपी में भी व्यापक असर पड़ा है। वहां हड़ताल के चलते राजधानी भोपाल सहित अन्य प्रमुख शहरों में तो बच्चों की छुट्टी घोषित कर दी गई हैं। इधर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि चालकों की हड़ताल के चलते स्कूल बसों के लिए डीजल नहीं मिला। यही वजह है कि बसें नहीं चल सकीं। चूंकि छुट्टियां अभी ही ख़त्म हुई हैं, इसलिए बसों का परिचालन बंद होने के बावजूद स्कूलों में छुट्टियां घोषित नहीं करने का फैसला संगठन ने किया है।

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