बोलता गांव डेस्क।। छत्तीसगढ़ के नया रायपुर यानि नवा रायपुर के किसानो का आंदोलन सोमवार को 15 वे दिन भी जारी रहा, नवा रायपुर प्रभावितों ने किसान आन्दोलन का एक पखवाड़ा पूरा होने पर "भारत माता" और " महात्मा गाँधी " की पूजा अर्चना करके और 'राष्ट्रगान 'गाकर धरना शुरू किया।
छत्तीसगढ़ के दानपर्व छेरछेरा के मौके पर किसानो ने महिलाओं की टीम बनाकर उन्हें सरकार के प्रतिनिधियों के घर भेजा। महिला समूहों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री मोहम्मद अकबर ,डॉ शिवकुमार डहरिया ,अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू के निवास जाकर छेरछेरा दान के तौर पर किसान परिवारों को साथ न्याय दिए जाने की मांग की।
मुख्यमंत्री से नहीं हो सकी मुलाकात ,किसान भवन का किया भूमिपूजन
किसान आंदोलन के 15वे दिन नवा रायपुर मे किसानो ने ' किसान भवन ' का भूमि पूजन किया । किसानो आपस मे ही ने ईट , रेती, गिट्टी, सीमेंट, सरिया और नगद राशि सहयोग से किसान भवन बनाने की बात कही।
इसके अलावा किसानो ने रणनीति बनाकर 10 महिलाओं के चार अलग अलग दल बनाकर छेरछेरा मांगने के लिए अलग अलग स्थानों पर भेजा। मुख्यमंत्री निवास पर महिलाओं को भेजा गया ,जहा उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया।
नवा रायपुर किसान आंदोलनकारियों के मंच की तरफ से महिलाओं को सीएम हाउस मे प्रवेश नहीं दिए जाने पर बयान जारी करते हुए कहा गया कि ऐसा प्रचारित किया जाता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार मुख्यमंत्री निवास में मनाते हैं,आज यह साबित हो गया है कि राजनीतिक दिखावा है। तीज त्यौहार में स्थानीय व प्रभावित लोगों से लेना देना नहीं है ।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने दिया आश्वासन ,छेरछेरा दान मे दिया 2 कट्टा अनाज
किसान नेता वैगेन्द्र सोनबेर ने बताया कि छेरछेरा मांगने गई महिला किसानो के प्रतिनिधि मंडल को कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के निवास सम्मानपूर्वक बिठाकर उनसे चर्चा की गई। मंत्री अकबर ने किसानो को बताया कि मांगो के संबंघ मे उनकी प्रशासनिक अधिकारियों , क्षेत्रीय विधायक और मुख्यमंत्री से चर्चा जारी है, जल्द ही किसानो को न्याय मिलेगा।
इसके साथ ही छेरछेरा पर्व के अवसर पर अकबर ने किसानो को दान स्वरूप 2 कट्टा धान भी दिया। क्षेत्रीय विधायक ,श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और विधायक धनेन्द्र साहू के निवास जाकर छेरछेरा मांगने गई महिलाओं ने भी मुलाकात की।
किसान आंदोलन को मिल रहा है जनसमर्थन
किसान आंदोलन को धीरे धीरे जनसमर्थन भी मिलने लगा है। किसान आंदोलन के प्रवक्ता वैगेन्द्र सोनबेर ने बताया कि नवा रायपुर किसान आन्दोलन मे प्रभावित गावों से किसान बैलगाड़ी सजाकर आन्दोलन स्थल पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर दिन अलग अलग सामाजिक और किसान संगठनों के अलावा छात्र संगठन भी समर्थन करने आंदोलन स्थल पर पहुंच रहे हैं।किसान परिवारों की तरफ से सभी आने वालो के भोजन व्यवस्था की जा रही हैं ।
क्या है किसानो की मांग ?
गौरतलब है की दिल्ली में हुए किसान आंदोलन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में भी 42 गांव के किसानों ने आंदोलन छेड़ दिया है। करीब 5000 किसान छत्तीसगढ़ सरकार से नया रायपुर के निर्माण के लिए किसानों से ली गई जमीन का बचे हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
राज्य गठन के बाद 27 गांव की जमीन लेकर नवा रायपुर (नया रायपुर) इलाका विकसित किया गया था। किसान चाहते हैं कि किसानों को जमीन पर चार गुना मुआवजा दिया जाए, हर प्रभावित परिवार को 1200 वर्ग फीट की विकसित जमीन देने के साथ किसान परिवारों के एक बेरोजगार वयस्क को रोजगार दिया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी एक बड़ा आंदोलन किया जा चुका है, जिसका समर्थन कांग्रेस ने किया था।अब किसान यह वादा याद दिला रहे हैं।