बोलता गांव डेस्क।।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव संपन्न होने के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम मशीनों की कड़ी सुरक्षा के बीच निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा स्ट्रांग रुम में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है। स्ट्रांग रुप में रखे गए ईवीएम मशीनों को मतगणना के लिए 3 दिसंबर को निकाला जाएगा । मतों की गिनती के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ में किस पार्टी की सरकार बनने वाली है। वहीं कांग्रेस और भाजपा ने इस बार कई विधायकों को टिकट नहीं दी है और नए चेहरों को मौका दिया है। इन विधायकों की संख्या लगभग 24 है ये विधायक 1 दिसंबर से पूर्व विधायक हो जाएंगे।
बताया जा रहा है कि चुनाव नहीं लड़ने वाले विधायकों को विधानसभा सचिवालय ने नो-ड्यूज कराने की सूचना दे दी है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने वाले विधायकों के लिए सरकारी सुविधाएं बंद होंगी। इसमें बताया गया है कि एक दिसंबर से उन्हें सरकारी बंगला और आवास भत्ता की पात्रता नहीं होगी क्योंकि वह अब पूर्व विधायक हो चुके हैं। इस वजह से उन्हें 1 दिसंबर को आलीशान सरकारी बंगला खाली करना होगा। चुनाव नियमानुसार नई विधानसभा गठित होने से पहले पूर्व विधायकों को बंगला खाली करना पड़ता है।
मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 22 विधायक और बीजेपी के 2 विधायकों को सुविधा नहीं मिलेंगी। वहीं नए विधानसभा के गठन से पहले आवास खाली करने होंगे। आपको बता दें कि इन 24 विधायकों को सरकारी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। जिनमें कांग्रेस से किस्मतलाल नंद, शकुंतला साहू, लक्ष्मी ध्रुव, प्रेमसाय टेकाम, ममता चंद्राकर, भुवनेश्वर बघेल, गुरुदयाल बंजारे, बृहस्पति सिंह, छन्नी साहू, रेखचंद्र जैन, चक्रधर सिदार, विनोद चंद्राकर, चिंतामणि महाराज, शिशुपाल शोरी, राजमन बेंजाम, अनिता शर्मा, अनूप नाग, देवती कर्मा, सत्यनारायण शर्मा, चंद्रदेव राय, मोहित केरकेट्टा, विनय जैसवाल और बीजेपी से डमरूधर पुजारी और रजनीश सिंह को सरकारी सुविधा नहीं दी जाएगी। इसके अलावा 4 विधायकों का आवास और 20 विधायकों का आवास भत्ता बंद हो जाएगा।