छत्तीसगढ़ में शर्तों के साथ कड़े प्रतिबंध लागू: पूरा जिला नहीं तो अधिक संक्रमण वाले ब्लॉकों में भी नाइट कर्फ्यू लगा सकेंगे कलेक्टर; स्कूल, आंगनबाड़ी बंद होंगे। Featured

बोलता गांव डेस्क।। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिला कलेक्टरों को दिए निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है, जिले में ऐसे विशेष क्षेत्र जहां कोविड संक्रमण 4% या उससे अधिक है वहां संक्रमण की रोकथाम के लिए नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

 

कलेक्टरों को जारी निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कलेक्टर संपूर्ण जिले को कोविड संक्रमण की कैटेगरी-"ए' में नहीं रखना चाहते हैं तो अपने जिले के अधिक संक्रमण दर वाले ब्लॉकों को कैटेगरी-"ए' में रख सकते हैं।

इससे जिले के किसी एक क्षेत्र में 5% से ऊपर पॉजीटिविटी रेट में होने पर जिले के अन्य क्षेत्र को इससे बाहर रखने में मदद मिलेगी। इसी प्रकार पिछले तीन-चार दिनों से लगातार 5% पॉजीटिविटी रेट होने पर कलेक्टर अपने जिले के मैदानी कार्यालयों में कोविड नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रतिबंधात्मक कदम उठा सकते हैं। अभी तक कैटेगरी- "ए' में ऐसे जिलों को रखा गया है जहां कोविड संक्रमण की दर 4% या उससे अधिक है।

 

ए कैटेगरी वाले जिलों में अभी ऐसे प्रतिबंध

 

अभी तक कैटगरी-"ए' वाले जिलों में रात के समय सभी प्रकार की गैर आर्थिक गतिविधियां रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रखने का आदेश है। इसके साथ ही सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र, लाइब्रेरी, स्विमिंग पूल एवं अन्य सार्वजनिक स्थान बंद रखे जाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा आवश्यकता होने पर धारा 144 और महामारी एक्ट का उपयोग करने कहा गया है।

 

छत्तीसगढ़ में अभी ऐसे हैं हालात

 

छत्तीसगढ़ में कोरोना की संक्रमण दर अभी 8.05% है। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 15 हजार 464 हो गई है। सबसे अधिक 4 हजार 803 मरीज रायपुर जिले में ही हैं। उसके बाद बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और दुर्ग का नंबर है। प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना की संक्रमण दर 4% से अधिक है।

 

विश्वविद्यालय-कॉलेज भी हो सकते हैं बंद

 

अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण अधिक बढ़ा तो विश्वविद्यालय और कॉलेजों की कक्षाएं भी बंद की जा सकती हैं। नाइट कर्फ्यू का समय बढ़ाया जा सकता है। अभी तक बाजार, उद्योग और मॉल आदि बंद करने के विकल्पों पर चर्चा नहीं हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही कह चुके हैं कि लॉकडाउन का फैसला अंतिम विकल्प होगा।

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