बोलता गांव डेस्क।। सास बहू के झगड़ों के मामले तो अक्सर सामने आते रहते हैं, मगर इस बार गुजरात के भावनगर से सास-बहू की हर किसी के दिल को छू लेने वाली कहानी सामने आई है।
कहानी ये है कि बीमार सास की बहू ने 20 साल तक सेवा की। अब सास के निधन पर उनकी चिता को मुखाग्नि देने का अवसर भी बहू को मिला है। यह अपने आप में अनूठा मामला है, क्योंकि सास के बेटा होते हुए भी बहू ने अंतिम संस्कार किया है।
दरअसल, भावनगर की 79 वर्षीय मंजुलाबेन कक्कड़ बीते बीस साल से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से परेशान थीं। शुगर बढ़ने के बाद उनके गुर्दे में खराबी और उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ने लगी। सास मंजुलाबेन ने बीमारी के कारण एक तरह से बिस्तर पकड़ लिया था। इस दौरान 49 वर्षीय बहू धाराबेन उनकी देखभाल किया करती थी। बहू ने बीमार सास की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी। अब 11 दिसम्बर को खबर आई कि सास मंजुलाबेन ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस पर मंजुलाबेन कक्कड़ के परिवार ने तय किया कि चिता को मुखाग्नि बेटे की बजाय बहू धाराबेन से दिलवाई जानी चाहिए।