राज्य के नए डीजीपी अशोक जुनेजा ने सोमवार को प्रदेश के सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि चिटफंड कंपनियों के डेढ़ सौ से ज्यादा फरार डायरेक्टरों की गिरफ्तारी तथा उनकी संपत्ति कुर्क करने के मामले में तुरंत अभियान शुरू किया जाए। ऐसे मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में लगाए जाएं, जिससे संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही में तेजी आ सके।
पुलिस अब चिटफंड कंपनियों के गिरफ्तार डायरेक्टरों की दूसरे राज्यों में संपत्ति का भी पता लगाकर कोर्ट के आदेश से जब्त करेगी ताकि 20 लाख से अधिक पीड़ितों को रकम लौटाई जा सके। डीजीपी जुनेजा ने यह भी कहा कि चिटफंड आदिवासी व राजनीतिक मामलों की वापसी और अवैध नशे की कारोबार पर सख्ती भूपेश बघेल सरकार का फोकस एरिया है। इसमें कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डीजीपी जुनेजा ने सोमवार को सभी एसपी को स्पष्ट किया कि अब हर दिन में सभी एसपी के साथ समीक्षा होगी और फोकस एरिया से संबंधित मुद्दों पर वन-टू-वन बात होगी।
उन्होंने वीसी की शुरुआत ही भूपेश सरकार के फोकस एरिया से की और कहा कि चिटफंड के जितने भी केस पेंडिंग हैं, उन्हें तुरंत निपटाया जाए। डीजीपी ने कहा कि जिले स्तर पर अपराध का डाटाबेस अपडेट रखें। इससे अपराध की रोकथाम करने में मदद मिलती है। आईजी व एसपी इसकी नियमित समीक्षा करें। डीजीपी ने साफ कर दिया कि कोई भी अधिकारी अपराधियों को संरक्षण नहीं देगा। पैसों के लेनदेन की शिकायत हुई तो तुरंत कार्रवाई होगी। एडीजी हिमांशु गुप्ता, आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, डीआईजी एससी द्विवेदी ने भी सभी एसपी को अपने विंग से जुड़े मसलों पर निर्देश दिए।