मध्य प्रदेश: यूपीएससी सिविल सर्विसेस 2020 के फाइनल रिजल्ट में शिवपुरी के नरेन्द्र रावत को 165 रैंक मिली है। वर्तमान में नरेंद्र रावत बतौर आइएफएस बैतूल में पदस्थ हैं। नरेंद्र 165 रैंक हासिल करने के बाद भी आइएसएस अफसर नहीं बनेंगे, बल्कि पुलिस की वर्दी पहनेंगे। नरेंद्र ने चर्चा में कहा कि मैंने अपनी पहली च्वाइस के रूप में आइएएस नहीं बल्कि आइपीएस ली है जबकि इस रैंक पर मुझे आइएएस मिल सकता था।
उन्होंने बताया दो साल पहले उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेस में हुआ था और आल इंडिया 52 रैंक आई थी। यह भी बहुत अच्छी सर्विस है, जिसमें सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा, मेरा मन हमेशा ऐसी नौकरी करने का था जो सीधे जनता से जुड़ी हो और यही कारण रहा कि आइएएस के बजाय आइपीएस को प्राथमिकता दी है। कलेक्टर के मुकाबले एसपी का आमजन से ज्यादा जुड़ाव रहता है। आम आदमी की अधिकांश समस्या एसडीएम स्तर पर खत्म हो जाती हैं। जबकि एसपी ऐसा पद है, जो सही तरीके से काम करते हुए आमजन को न्याय दिला सकता है और जिले में कानून व्यवस्था को उचित रूप से लागू कर सकता है।
किसान रमेश रावत के चार बच्चे हैं, इनमें सबसे बड़ी बेटी का विवाह हो चुका है, जबकि नरेंद्र दूसरे नंबर के हैं। भाई की प्रेरणा उनकी दो छोटी बहनों का भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। पिता रमेश बताते हैं कि दोनों छोटी बेटियां भी यूपीएससी व एमपी पीएससी की तैयारी कर रही हैं।