बोलता गांव डेस्क।।
Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde: उद्धव ठाकरे गुट ने सीएम एकनाथ शिंदे को आधिकारिक 'शिवसेना' के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले को कायम रखने के लिए शिंदे भी पूरी तरह तैयार हैं। उद्धव गुट से पहले शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट याचिका दायर कर दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले शीर्ष अदालत महाराष्ट्र सरकार की दलील को भी सुने
उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न धनुष एवं तीर’’ आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया.
उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न धनुष एवं तीर’’ आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया.
प्रधान न्यायाधीश ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, "नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है. कल उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं." निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे "धनुष एवं तीर" चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था.
उद्धव ने शिवसेना भवन में अपने खेमे के नेताओं के साथ बैठक की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले दल को शिवसेना’ नाम और धनुष बाण’ चुनाव चिह्न दिये जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को करीबी सहयोगियों के साथ यहां शिवसेना भवन में बैठक की. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत, सुभाष देसाई, अनिल देसाई और अनिल परब ने उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में भाग लिया. ठाकरे ने अनेक जिलास्तरीय नेताओं को भी आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाया है.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा सब कुछ छीन गया है. हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन गया है लेकिन ठाकरे नाम छीन नहीं सकता.चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है कल से सुनवाई शुरू होगी.
निर्वाचन आयोग ने शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली शिवसेना की मान्यता दी और उसे धनुष बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित किये जाने का आदेश भी दिया. इससे उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है जिनके पिता बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में पार्टी की स्थापना की थी. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा था कि निर्वाचन आयोग के इस फैसले को लेकर सभी राजनीतिक दलों को आंखें खुली रखनी चाहिए और चौकन्ना रहना चाहिए.