Atal Bihari Vajpayee: अटल जी को गांव, गरीब और किसान से खास लगाव था Featured

एक बार जब पैतृक गांव आगरा के बटेश्वर को लेकर लोगों ने अटल बिहारी वाजपेयी से सवाल किया तो उन्होंने बड़े ही सहज भाव से कहा कि पूरा देश ही मेरा गांव है. राजनीति में सादगी, सरलता और सहजता के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का यह जवाब दर्शाता है कि देश के हर गांव को लेकर वह कितने ज्यादा संजीदे थे. अटल जी को गांव, गरीब और किसान से खास लगाव था. 


प्रधानमंत्री गांव सड़क योजना ने बदली गांवों की तकदीर

गांव, गरीब और किसान तीनों ही अटलजी की प्राथमिकताओं में शुमार थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे कदम उठाए, जिन्होंने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल डाली। इनमें प्रधानमंत्री गांव सड़क योजना ने तो गांवों को शहरों से जोड़कर ग्रामीण भारत की तकदीर ही बदल दी। 


तीन बार बने प्रधानमंत्री, हमेशा रखा गांवों व किसानों का खयाल

अटलजी तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे। सबसे पहले वर्ष 1996 में 13 दिन, फिर 1998 में 13 माह और अंतिम बार 1999 से 2004 तक। इस दौरान उनकी सरकारों ने गांवों व किसानों के अलावा गरीबों के हित में अनेक बड़े फैसले किए। किसानों व गांवों के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे। इसी कारण उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए भी 13 माह तक कृषि मंत्रालय अपने पास रखा था। वे हमेशा कृषि, गरीबी, निरक्षरता और बेरोजगारी को लेकर चिंतित रहे। विपक्ष में रहते हुए भी सरकार के मुखिया के नाते भी।


वाजपेयी सरकार के अन्य प्रमुख कार्य

एक सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया।

संरचनात्मक ढाँचे के लिये कार्यदल, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल, विद्युतीकरण में गति लाने के लिये केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया।

राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास; नई टेलीकॉम नीति तथा कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने वाले कदम उठाये।

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित कीं।

आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों के मूल्योंं को नियन्त्रित करने के लिये मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुलाया।

उड़ीसा के सर्वाधिक निर्धन क्षेत्र के लिये सात सूत्रीय निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया।

आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया।

ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजना शुरू की।

 

किसान क्रेडिट कार्ड व कृषि आय दोगुना करने की पहल

अटलजी ने 15 अगस्त 2003 को लाल किले की प्राचीर से पहली बार देश के किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। उनकी सरकार ने ही किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की  थी। इसके लिए उन्होंने रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की प्रतिकूल राय को भी दरकिनार कर दिया था। 1998 में आरंभ हुई किसान क्रेडिट कार्ड योजना ने किसानों को खाद, बीज के लिए सहकारी संस्थाओं व बैंकों से आसानी से कर्ज के इंतजाम किए। उनके प्रधानमंत्री काल में ही पहली बार राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना शुरू की गई। यह फसल बीमा योजना 1999-2000 के रबी सीजन से शुरू हुई थी।

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