अफगानिस्तान में तालिबान का पूरी तरह कब्जा हो जाने के बीच हजारों की संख्या में लोग काबुल छोड़कर दूसरे देश जाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. एएफपी के सूत्रों के मुताबिक, सोमवार सुबह काबुल एयरपोर्ट पर हजारों के हुजूम के बीच हंगामा हो गया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अमेरिकी फौज ने हवा में गोलियां दागीं. एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसे यह देखकर बहुत बुरा लग रहा है कि वो चेतावनी देने के लिए हवा में गोलियां दाग रहे हैं.
गौरतलब है कि काबुल पर रविवार को कब्जा कर लेने के बाद पूरा अफगानिस्तान अब तालिबान की हुकूमत में आ गया है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी पड़ोसी देश ताजिकिस्तान में शरण ले चुके हैं. वहीं तालिबान के हथियारबंद सदस्यों के राष्ट्रपति कार्यालय पर नियंत्रण स्थापित कर लेने की तस्वीरें भी सामने आई थीं.
अशरफ गनी सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि 20 साल लंबी जंग में तालिबान जीत गया है.
सोमवार सुबह भी हजारों की संख्या में लोग काबुल से बाहर भागने में लगे रहे. एक-एक वाहनों पर 20-25 सवार लोग बस किसी तरह सुरक्षित ठिकाने के लिए बदहवास तैयारी करते दिखे. काबुल हवाई अड्डे पर भी भारी भीड़ है और लोग एय़रपोर्ट अधिकारियों से वहां से बाहर निकालने की गुजारिश कर रहे हैं. वहीं अमेरिका ने तालिबान से सड़कों, एयरपोर्ट और सीमावर्ती प्रवेश मार्गों से बाहर जा रहे लोगों को कोई नुकसान न पहुंचाने की चेतावनी दी है. अमेरिका की अगुवाई में 65 देशों ने इसको लेकर एक साझा बयान जारी किया है.
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत तमाम देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए विशेष फ्लाइट चला रहे हैं. भारत ने भी काबुल से रविवार को एयर इंडिया की फ्लाइट के जरिये अपने तमाम नागरिकों को बाहर निकाला. तमाम लोगों ने मानवीय आधार पर शरण देने की गुहार अमेरिका और अन्य गठबंधन सेना के देशों से लगाई है. उन्हें डर है कि अफगानिस्तान में अगर वो रहे तो तालिबान सदस्य विदेशी फौजों की मदद के कारण उन्हें निशाना बना सकते हैं.