इजरायल की साइबर सिक्योरिटी फर्म एनएसओ ने दुनिया भर की सरकारों को पेगासस स्पायवेयर बेचने पर रोक लगा दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत कई देशों में इस स्पायवेयर के गलत इस्तेमाल को लेकर मचे विवाद के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है। इस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने वाले सरकारी क्लाइंट्स को ही इजरायली कंपनी की ओर से सेवाएं दी जाती रही हैं। लेकिन विवाद के बाद उस पर रोक लगा दी गई है। नाम उजागर न करने की शर्त पर एनएसओ के एक कर्मचारी ने अमेरिका के नेशनल पब्लिक रेडिया से बताया कि सरकारी क्लाइंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है।
हालांकि कंपनी के कर्मचारी ने यह जानकारी नहीं दी है कि किन सरकारों को कंपनी ने यह स्पायवेयर बेचा है और किन पर यह रोक लगाई गई है। कंपनी की ओर से यह फैसला इजरायल की अथॉरिटीज की ओर से एनएसओ के दफ्तर पर जांच के लिए पहुंचने के एक दिन बाद लिया गया है। भारत समेत कई देशों के मीडिया संस्थानों ने एक साझा रिपोर्ट में दावा किया है कि पेगासस का इस्तेमाल कर 50,000 से ज्यादा लोगों की जासूसी की गई है। इन लोगों में विपक्षी नेता, पत्रकार, सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी समेत कई लोग शामिल हैं। 18 जुलाई को प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट के बाद से भारत में भी हंगामा बरपा है।
यही नहीं संसद के दोनों सदनों में भी मॉनसून सेशन में हंगामा जारी है। एनएसओ के कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, 'कई क्लाइंट्स को लेकर जांच चल रही है। इनमें से कुछ क्लाइंट्स को दी जा रही सर्विसेज को सस्पेंड कर दिया गया है।' हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किन देशों की सरकारों और उनकी एजेंसियों पर रोक लगाई गई है। कर्मचारी ने कहा कि इजरायली डिफेंस मिनिस्टर ने कंपनी पर क्लाइंट्स को नाम उजागर करने पर रोक लगाई है। एनएसओ की आंतरिक जांच में ऐसे कुछ लोगों के फोन नंबरों को भी चेक किया गया है, जिन्हें संभावित टारगेट की लिस्ट में शामिल किया गया था।