बोलता गांव डेस्क।।
छ.ग. शासन की महत्वाकांशी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजनान्तर्गत गौमूत्र क्रय एवं इससे निर्मित उत्पाद से कृषकों की आय में वृद्धि किया जा रहा है। विदित हो कि जिला सूरजपुर के केशवनगर गौठान में इसकी शुरुवात 20 जुलाई 2022 को गौमूत्र क्रय प्रारंभ हो चुका है एवं स्व सहायता समूह की महिलायें हजारों रुपये की आमदनी अर्जित कर रही है, जो कि जिले के लिए एक नई एवं प्रेरणादायक पहल है।
क्रय गौमूत्र से जीवामृत एवं कीटनाशक ब्रम्हास्त्र बनाया जा रहा है। उक्त जानकारी वरिष्ठ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ. महेन्द्र कुमार पाण्डेय, प्रभारी पशु चिकित्सालय विश्रामपुर द्वारा दी गई। स्व सहायता समूह आपके ही मार्गदर्शन में उक्त नवाचार का कार्य कर अतिरिक्त आय का अर्जन कर रही है। डॉ. पाण्डेय द्वारा बताया गया कि गौमूत्र से जीवामृत एवं ब्रम्हास्त्र किट नियंत्रक भी बनाया जा रहा है।
05 सितम्बर 2022 तक केशवनगर गौठान से कुल 140 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है, जिससे 120 लीटर गौमूत्र से 75 लीटर जीवामृत अमृतवर्धक एवं 07 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र का निर्माण किया गया है। जिसमें 120 लीटर गौमूत्र का लागत रू. 560 एवं रू. 500 का सामाग्री क्रय पश्चात् कुल लागत रू. 1000 आया है जिसके माध्यम से 75 लीटर जीवामृत वृद्धिवर्धक एवं 60 लीटर ब्रम्हास्त्र कीट नियंत्रक निर्मित किया जा चुका है। जिनके विक्रय से रू. 4000 प्राप्त हुआ है। इस प्रकार कुल लागत निकालकर स्व सहायता समूह को अब तक रू. 2940 का अतिरिक्त आय प्राप्त हुआ है, जो कि जिला सूरजपुर की अन्य महिलाओं के लिए इस कार्य के प्रति रूची एवं प्रेरणादायी है।
अभी 270 लीटर ब्राम्हस्त्र कीटनाशक स्टॉक में है तथा 53 लीटर कृषि विभाग द्वारा क्रय कर लिया गया। इसे वैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया। जिसका उपयोग कृषि विभाग तथा उद्यान विभाग के लिए बहुत अच्छा है। इसके उपयोग से अनावश्यक खरपतवार से निजात पाया जा सकता है।