राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम के तहत राज्य के आठ जिला अस्पतालों में ‘जीवन धारा’ नाम से निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही डायलिसिस की सुविधा मिलने से किडनी रोगों से पीड़ितों को अब दूर नहीं जाना पड़ रहा है। इससे मरीजों और उनके परिजनों के श्रम, धन और समय की भी बचत हो रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के छह जिलों दुर्ग, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर, महासमुंद और बीजापुर में वर्ष 2020 से ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस साल जून में जशपुर और सरगुजा में भी यह सुविधा शुरू कर दी गई है। इस तरह प्रदेश में निःशुल्क डायलिसिस केन्द्रों की संख्या अब आठ हो गई है। डायलिसिस के लिए जशपुर में पांच और अंबिकापुर में चार मशीनों की स्थापना की गई है। ये नौ मशीनें फेयर फैक्स संस्था के डॉ. हिमांशु दवे के माध्यम से आई.सी.आई.सी.आई. बैंक द्वारा प्रदान की गई हैं।
अब तक आठ जिला अस्पतालों में कुल 12 हजार 933 डायलिसिस सेशन किए जा चुके
दुर्ग जिले में- 3499
कांकेर में- 2606,
कोरबा में- 1793,
बिलासपुर में- 1864,
महासमुंद में- 2370,
बीजापुर में- 776,
सरगुजा में- 14
जशपुर में- 11
किडनी रोगियों के लक्षण
चेहरे की सूजन
भूख की कमी,मितली एवं उलटी
उच्च रक्तचाप
रक्तल्पता या एनीमिया और कमजोरी
अन्य लक्षण
पेशाब संबंधित शिकायतें-
पेशाब से संबंधित निम्नलिखित शिकायतें हो सकती है:
- विभिन्न किडनी रोगों में पेशाब की मात्रा में कमी हो जाती है।
- पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना और पेशाब में रक्त या मवाद का आना, पेशाब पथ के संक्रमण का लक्षण हो सकता है।
- पेशाब के सामान्य प्रवाह में बाधा/रुकावट, पेशाब करने समय उसकी कमजोर व् पतली धार, पेशाब त्याग करने में कठिनाई, या जोर लगाने की आवश्यकता आदि पेशाब रोग के लक्षण हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में पेशाब त्याग करने के लिए पूर्ण अक्षमता हो सकती है।