रायपुर. छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल से चल रही अटल आवास योजना बंद होने के बाद अब उसके स्थान पर राजीव नगर आवास योजना पर काम किया जा रहा है। बताया गया है कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के माध्यम से इस योजना के तहत प्रदेशभर में करीब एक लाख मकान बनाने का लक्ष्य है। खास बात ये है कि इन आवास के लिए राज्य सरकार हाउसिंग बोर्ड को एक रुपए फुट में जमीन देगी।
इस जमीन पर गरीबों और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए मकान बनाकर दिए जाएंगे
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष एवं विधायक कुलदीप जुनेजा ने हरिभूमि से चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में पूर्व में अटल आवास योजना लागू थी। यह योजना बंद होने के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर राजीव नगर आवास योजना प्रारंभ की जा रही है। श्री जुनेजा ने बताया कि योजना का खाका तैयार किया जा चुका है। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए हाउसिंग बोर्ड को एक रुपए फुट में जमीन देने कहा है। कुछ शहरों में ये जमीन मिल भी गई है।
आवास निर्माण की समीक्षा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सिंग जुनेजा एवं आयुक्त छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल डॉ. अय्याज तंबोली द्वारा शुक्रवार को मंडल के रायपुर प्रक्षेत्र के अंतर्गत रायपुर, नवा रायपुर, महासमुंद, भाटापारा, राजिम, गरियाबंद सहित संबंधित अन्य स्थानों में आवास निर्माण गतिविधियों की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में रायपुर प्रक्षेत्र के अपर आयुक्त एचके वर्मा, उपायुक्त एसके भगत, उपायुक्त एएस पटेल तथा सात संभागीय कार्यालयों के कार्यपालन अभियंता सिविल एवं विद्युत शामिल हुए।
प्रदेशभर में जल्द शुरू होगा काम
कि शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया है कि प्रदेशभर में अतिशीघ्र राजीव नगर आवास योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाएगा। आयुक्त छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल डॉ. अय्याज तंबोली ने निर्देश दिए हैं कि राजीव नगर आवास योजना के लिए चिन्हांकित भूमि पर आवासीय योजना तैयार कर तीन माह की अवधि में सभी संभागों में कम से कम दो-दो राजीव नगर आवास योजना प्रारंभ हो जाएं। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को इसका शीघ्रता से क्रियान्वयन करने आवश्यक निर्देश दिए।
समय पर हो गुणवत्ता के साथ काम : जुनेजा गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री जुनेजा ने निर्माणाधीन कार्यों को गुणवत्ता के साथ समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही मंडल की निर्मित, निर्माणाधीन कॉलोनियों में रिक्त भू-खण्डों तथा भूमि पर आवासीय मांग का आकलन करते हुए शीघ्र कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके अलावा अन्य विभागों के निक्षेप कार्यों को समयसीमा में पूर्ण कर विभागों को हस्तांतरण के भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।