एक नज़र छत्तीसगढ़ की आत्मनिर्भर महिलाओं पर: गौठान की छोटी सी मुर्गीपालन यूनिट से 12 हजार चूजों के बड़े पोल्ट्री फार्म तक का सफर एक साल में Featured

बोलता गांव डेस्क।।IMG 20220708 211553

अमर स्वसहायता समूह ने थनौद में आजीविकामूलक गतिविधियों को लेकर किया बड़ा काम

तीन महीनों में 4 लाख रुपए की आय की उम्मीद, अभी इसी स्केल में काम रहा तो हर साल 16 लाख रुपए की आय तय...

 

 

छोटे से कदम से होती है। यह कथन सार्थक किया है थनौद की अमर स्वसहायता समूह की महिलाओं ने। शासन के प्रोत्साहन से उन्होंने हिचकते हुए 400 चूजों को लेकर मुर्गीपालन की एक यूनिट गौठान में शुरू की थी। सफलता मिलने पर उन्होंने हैचरी डाल ली। इससे और लाभ हुआ और अब उन्होंने 12 हजार चूजों की बड़ी यूनिट शुरू कर दी है। एक चूजे की कीमत 5 रुपए होती है।

 

इसे बड़ाकर बेचेंगे और इसका लाभ लगभग 30 से 40 रुपए होगा। 90 दिनों में चूजे बिकने योग्य हो जाते हैं और उम्मीद है कि इन तीन महीनों में 4 लाख रुपए की आय स्वसहायता समूह की महिलाओं की होगी। लगभग साल भर में 16 लाख रुपए की आय इन्हें होने की उम्मीद है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ाने की मंशा है।

 

इस संबंध में कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र मीणा के निर्देश पर सभी गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने कार्य किया जा रहा है। जिन गौठानों में यह कार्य सफलतापूर्वक हो रहा है वहां इन्हें अपग्रेड करने की दिशा में कार्य हो रहा है। थनौद यूनिट को सहायता करने पर बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। इन महिलाओं के उद्यम को प्रोत्साहित किया गया और आगे भी कार्य करने के लिए कहा गया।

 

परिणाम बहुत अच्छे आये हैं और केवल 8 सदस्यों वाले इस समूह का आर्थिक लाभ तेजी से बढ़ गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए हुए समूह की अध्यक्ष पूर्णिमा धनगर ने बताया कि हम सब बहुत खुश हैं। पहले तो हम लोगों ने हिचकते हुए काम शुरू किया। जिला प्रशासन के अधिकारियों का बहुत सहयोग मिला। लगातार तकनीकी मार्गदर्शन मिलता रहा और आज हम इतने बड़े शेड में कार्य कर पा रहे हैं। बहुत अच्छा लग रहा है।

 

इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री मोहित कामले ने बताया कि तकनीकी मार्गदर्शन से महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम मुर्गीपालन के लिए जरूरी तमाम सावधानी उन्हें बता रहे हैं। इसका उपयोग करने से चूजों को सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है।

 

54 गौठानों में चल रहा मुर्गीपालन- इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. डी.वी. राठिया, उपसंचालक पशु चिकित्सक सेवाएं ने बताया कि जिले के 54 गौठानों में मुर्गीपालन का कार्य हो रहा है। गौठानों के मुर्गीपालन यूनिट को तेजी से अपग्रेड किया जा रहा है। गौठानों में हैचरी यूनिट भी आरंभ कर दी गई है। थनौद में जिस लेवल का काम हुआ है उससे स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने अपने आपको बड़े फार्म यूनिटों की बराबरी में खड़ा कर दिया है और अभी तो ये शुरूआत ही है।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

RO no 13028/15
RO no 13028/15 "
RO no 13028/15 "
RO no 13028/15 "

MP info RSS Feed