छत्तीसगढ़ में बूस्टर डोज नहीं, कोरोना बढ़ रहा: दुर्ग-रायगढ़ के 4 प्राइवेट अस्पतालों में ही वैक्सीन, सिंहदेव बोले-केंद्र की नीति जिम्मेदार; 24 घंटे में 131 केस Featured

बोलता गांव डेस्क।।

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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की दर खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। सरकारी प्रतिबंध उठा लिए गए हैं। कोरोना से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण औजार, टीकाकरण अब बूस्टर डोज पर आकर बुरी तरह पिछड़ गया है। प्रदेश में लोग चाहकर भी टीके का बूस्टर डोज नहीं लगवा पा रहे हैं। ढाई करोड़ की आबादी पर केवल चार केंद्रों पर ही तीसरा टीका लग पा रहा है।

 

रायपुर के मनीष तिवारी ने सितम्बर 2021 में कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवाई थी। अब उनके पास कोविन पोर्टल से तीसरा डोज लगवाने के लिए एसएमएस आ रहा है। मनीष के सामने परेशानी यह है कि कोविन पोर्टल पर रायपुर में कोई टीकाकरण केंद्र दिख ही नहीं रहा है। शहर के कई बड़े निजी अस्पतालों के चक्कर भी लगाए, पर टीका नहीं मिला। यह परेशानी केवल मनीष की नहीं है, बल्कि प्रदेश भर में अधिकांश लोगों के सामने यही समस्या आ रही है।

 

राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत ने बताया, 18 से 59 साल तक के लोगों के लिए बूस्टर डोज केवल निजी क्षेत्र में उपलब्ध है। अभी केवल चार केंद्रों पर टीकाकरण हो रहा है। इनमें दुर्ग का शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज, डॉ. प्रफुल्ल जैन वर्धमान हॉस्पिटल, श्री महावीर कोविड वैक्सीनेशन सेंटर और रायगढ़ का फोर्टिस ओपी जिंदल हॉस्पिटल शामिल है। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध है।

 

बुधवार को 847 सरकारी केंद्रों पर कोरोना टीकाकरण हो रहा था। 18 से 59 साल तक के एक करोड़ 70 लाख 64 हजार 650 लोगों को बूस्टर डोज लगाया जाना है। अप्रैल से अभी तक केवल 16 हजार 615 लोगों को टीके का तीसरा डोज लग पाया है। यह 0.1 प्रतिशत से भी कम है।

 

स्वास्थ्य मंत्री बोले, केंद्र सरकार की नीति ही ऐसी है

 

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, यह एक बड़ी चिंता है। केंद्र सरकार की नीति ही ऐसी है कि 18 से 59 साल के लोगों के लिए बूस्टर डोज केवल निजी केंद्रों के जरिए ही लगेगी। निजी अस्पताल इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। सरकारी अस्पताल चाहकर भी इस श्रेणी में टीकाकरण नहीं कर पा रहे हैं। अगर केंद्र सरकार हमें यह टीका दे देती तो सरकारी केंद्रों के जरिए सभी को उपलब्ध कराया जा सकता था। केंद्र सरकार को इसके बारे में लिखकर बात उठाई जाएगी।

 

केवल पहला डोज ही 100% लग पाया

 

सरकारी केंद्रों पर भी बूस्टर डोज की स्थिति बहुत उत्साह जनक नहीं है। बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलाकर यह संख्या 32 लाख 42 हजार 814 आंकी गई थी। अभी तक टीके के 6 लाख 19 हजार 561 डोज ही लगाया जा चुका है। यह तय किए टारगेट का केवल 19% है। 18 साल से अधिक उम्र के एक करोड़ 99 लाख 31 हजार 596 लोगों को दो डोज लगाए जाने थे। इसमें से पहला डोज ही 100% लोगों को लगाया जा सका है। इस आयु वर्ग में एक करोड़ 73 लाख 85 हजार 204 यानी टारगेट के 88% लोगों को दूसरी डोज लग पाई है।

 

चार महीने में पहली बार 100 से अधिक मरीज

 

छत्तीसगढ़ में बुधवार को कोरोना के 131 नए मामले सामने आए। मार्च के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है। यह एक दिन पहले सामने आए 88 मामलों की तुलना में बहुत अधिक है। प्रदेश भर में 9 हजार 394 संदिग्ध नमूनों की जांच की गई थी। अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 585 हो गई है। बुधवार को सबसे अधिक 29 नए मरीज रायपुर में मिले। दुर्ग में 21, सरगुजा में 16, कोरिया में 11, बिलासपुर में 8 नए मरीज मिले हैं।

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