छत्तीसगढ़ रोजगार; चपरासी बनना है तो साइकिल चलाना सीखिए: प्यून एग्जाम में साइकिल का ज्ञान जांचने के लिए प्रक्रिया तय कर विज्ञापन में जोड़ने की भी हो रही बात Featured

बोलता गांव डेस्क।।IMG 20220615 133245

छत्तीसगढ़ पीएससी ने मंत्रालय में प्यून के 80 पदों के लिए भर्ती प्रारंभ कर दी है। इसके लिए हजारों उम्मीदवार ऑनलाइन फार्म भर रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने भर्ती का प्रस्ताव पीएससी को भेजा था। अब इसके भर्ती नियमों को लेकर विवाद हो रहा है। वस्तुनिष्ठ परीक्षा व साक्षात्कार को नियम विरूद्ध बताकर विलोपित करने की मांग उठ रही है। साथ ही साइकिल का ज्ञान जांचने के लिए प्रक्रिया तय कर विज्ञापन में जोड़ने की बात भी हो रही है।

 

मालूम हो कि पहली दफे पीएससी प्यून की भी परीक्षा ले रहा है। भास्कर ने ने जब इसकी थाह ली तो पता चला कि वह परीक्षा तो किसी भी पद की ले सकता है, लेकिन जिन नियमों के तहत भर्ती हो रही है उसमें और सेवा भर्ती नियम 2015 में सांजस्य नहीं है। जानकारों, आवेदकों व यूनियनों का मानना है कि सरकारी नौकरी में प्यून का पद सबसे छोटा होता है।

 

नियम के अनुसार इसकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास होना है। साथ ही साइकिल चलाना भी आना चाहिए। विवाद इस बात पर है कि सामान्य कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर के ज्ञान, गणित और अंग्रेजी के ज्ञान में वस्तुनिष्ठ प्रशनों की परीक्षा लेने की कोई उपयोगिता व आवश्यकता नहीं है।

 

यह नियम विरूद्ध है। भर्ती नियम के विरूद्ध कोई विज्ञापन जारी नहीं कर सकते। एक पूर्व अधिकारी की माने तो परंतु विज्ञापन जारी कर परिशिष्ट एक परीक्षा योजना में नियम विरूद्ध मापदंड अपनाए जा रहे हैं। जारी विज्ञापन के मुताबिक वस्तुनिष्ठ परीक्षा तथा माइनस मार्किंग होगा।

 

इसी तरह भारत का सामान्य ज्ञान, सामान्य अंग्रेजी, सामान्य हिंदी, सामान्य गणित व छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रश्न भी पूछे जाएंगे। अभ्यर्थी प्रवीण साहू ने कहा कि आवेदकों में भ्रम की स्थिति है कि बिंदू-3 के प्रथम चरण भाग-1 में वस्तुनिष्ठ प्रश्न में केवल छत्तीसगढ़ के सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे? वर्तमान में लागू छत्तीसगढ़ सचिवालय चतुर्थ श्रेणी भर्ती नियम में वस्तुनिष्ठ की परीक्षा लेने का प्रावधान नहीं है। भर्ती नियम के अनुसार विज्ञापन जारी किया जा सकता है।

 

नियम के मुताबिक ही होगी परीक्षा

विज्ञापन में जो नियम हैं परीक्षा उसी के परीक्षा होगी। साइकिल चलाने का काम नहीं के बराबर होता है, लेकिन यदि उम्मीदवार में यह योग्यता है तो क्या बुरा है। इसमें कहीं फंडामेंटल अधिकार प्रभावित नहीं हो रहा।

 

 

मंत्रालय के काम में आएगी उत्कृष्ठता

उम्मीद है उम्मीदवारों से राप्रसे की परीक्षाओं जैसे सवाल नहीं पूछे जाएंगे। परीक्षा व साक्षात्कार से अच्छे उम्मीदवार मिलते हैं तो मंत्रालय के काम में ही उत्कृष्ठता आएगी। बाद में तुन्हें प्रमोशन भी मिलेगा।

 

 

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