बोलता गांव डेस्क।। इन दिनों हमारे देश में आम का मौसम चल रहा है। आमों को फलों का राजा कहा जाता है और देश-दुनिया में इसे बड़े ही चाव से खाया जाता है। कई बार बच्चे लालचवश आम के पेड़ों से फलों को चुराया करते हैं। हम में से बहुतों ने बचपन में चुपके से आम तोड़े होंगे, पहरेदारों की डांट भी खाई होगी। लेकिन क्या कभी आपने 7 आमों के लिए 6 कुत्तों और 4 पहरेदारों की तैनाती के बारे में सुना है। दरअसल एसा ही एक वाकिया मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया है।
बता दें कि जबलपुर के एक दंपती ने अपने बगीचे के दो पेड़ों पर लगे 7 आमों की रखवाली के लिए ये सारा बंदोबस्त किया है। अब आप सोच रहे होंगे इस आम में ऐसा क्या खास है। दरअसल ये कोई ऐसा-वैसा आम नहीं है। ये दुनिया के सबसे महंगे प्रजाति के आमों में से है। जी, इस दंपती के बगीचे में लगा आम का पेड़ मियाजाकी प्रजाति का है, जो कि जापान में पायी जाती है। यह जापान में पाए जाने लाल रंग का आम मियाजाकी है, जिसे सूर्य के अंडे के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही यह दुनिया में आम की सबसे दुर्लभ प्रजातियों में से एक है।
नहीं जानते थे प्रजाति जबलपुर के रहने वाले संकल्प और रानी परिहार का कहना है कि उन्हें चेन्नई के एक व्यक्ति ने ये पौधे दिए थे। उस समय इसके प्रजाति की जानकारी उन्हें नहीं थी। पिछले साल जब पौधे में फल लगे तो, वह भारत में पाए जाने वाले आमों से अलग थे। इसके बारे में जानकारी एकत्रित करने पर पता चला कि यह मियाजाकी प्रजाति के आम हैं, जो कि बहुत अधिक महंगे और दुर्लभ हैं।
लाखों में कीमत, इसलिए कड़ा पहरा
परिहार दंपती के अनुसार पिछले साल अंत्तराष्ट्रीय बाजार में इस आम की कीमत 2.70 लाख प्तति किलोग्राम थी। जब आस-पास के लोगों को इसकी जानकारी हुई तो चोरों ने बाजार पर हमला कर दिया। पिछले साल चोरों ने इन पेड़ों से 2 फल और डालियां चुरा ली थी। हालांकि दंपती किसी तरह पेड़ों को बचाने में सफल रहें। वहीं इस साल इन पेड़ों पर 7 फल लगे हैं। जिसकी सुरक्षा के लिए 4 गार्डों और 6 स्वानों को लगाया गया है।
ग्राहक हजारों रूपए देने को तैयार
आमों की बिक्री को लेकर रानी परिहार का कहना है कि फलों के व्यापारी लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं। उनके अनुसार एक व्यापारी ने इन 7 आमों के लिए 21 हजार रूपए देने को तैयार है। वहीं मुंबई के जौहरी ने इसकी और ज्यादा कीमत लगाई है। लेकिन उनका इन आमों को बेचने का कोई इरादा नहीं है। वे लोग इससे और अधिक पौधे लगाना चाहते हैं।
विशेषज्ञ बोले जांच की आवश्यकता...
वहीं इन आमों की कीमत को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इनका ठीक से निरक्षण करने करने की जरूरत है। वैज्ञानिक और बागवानी विभाग के सेवानिवृत्त निदेशक जीएस कौशल के अनुसार यह आम अफगानिस्तान की नूरजहां प्रजाति की तरह स्वाद के लिए नहीं बल्की कीमत के लिए सुर्खियों में है। इन पेड़ों और फलों के निरक्षण की आवश्यकता है, जिसके पता चल सके की यह असली है या हाईब्रिड है। साथ यह इतना महंगा क्यों है।