बोलता गांव डेस्क।।
यूक्रेन के साथ पिछले एक महीने से लड़ाई में उलझे रूस की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। राष्ट्रपति पुतिन कई बार एटमी हमले की धौंस दे भी चुके हैं। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि यदि युद्ध के हालात रूस के हाथों से बाहर निकलते नजर आए तो क्या पुतिन अपनी परमाणु शक्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं?
रूस के पास एक किलोटन से लेकर 100 किलोटन क्षमता के लगभग 2,000 छोटे न्यूक्लियर बम हैं, जिन्हें टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन भी कहा जाता है। यानी ये सीमित दायरे में तबाही मचाते हैं। इनमें छोटे बम और मिसाइलें भी शामिल हैं।
द न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन की सेना पारंपरिक युद्ध से परमाणु युद्ध के ट्रांजिशन का अभ्यास कर चुकी है। खासकर युद्ध के मैदान में भारी नुकसान के बाद रूस की सेना ऐसा कर सकती है।
कार्गेनी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशल पीस और यूनिवर्सिटी ऑफ हैमबर्ग से जुड़े उलरिच कुन कहते हैं, "ऐसी संभावना कम है लेकिन बढ़ रही है। युद्ध रूस के हिसाब से ठीक नहीं चल रहा है। पश्चिमी देशों का दबाव भी बढ़ रहा है।"
एक इंटरव्यू में डॉ. कुन ने कहा था, "हो सकता है पुतिन सैनिकों के बजाय किसी बंजर इलाके पर ऐसा बम गिरा दें। इस बारे में बात करना ही भयावह है, लेकिन हमें ये मानना होगा कि ऐसी आशंका बढ़ रही है।"
हालांकि, कई विश्लेषकों को इस आशंका पर शक है। अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर पॉल डी मिलर कहते हैं कि, "सवाल ये है कि इस तरह के वेपन का इस्तेमाल युद्ध में क्या फर्क पैदा करेगा।"