बोलता गांव डेस्क।।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज विपक्ष ने नवा रायपुर किसान आंदोलन के दौरान किसान की मौत हो जाने का मुद्दा उठाया। भाजपा विधायकों ने नवा रायपुर के किसान सियाराम पटेल की मौत के मामले में स्थगन प्रस्ताव लाया,जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया।
11 मार्च को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 66 वर्षीय किसान सियाराम पटेल की आकस्मिक मौत के मामले में भाजपा राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा विधायकों ने किसान की मौत पर चर्चा की मांग करते हुए सदन में स्थगन प्रस्ताव चर्चा की मांग की , जिसे आसंदी की तरफ से नामंजूर किये जाने के बाद विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा करते हुए सदन से वाक आउट कर दिया।
नवा रायपुर में 70 दिन से चल रहे किसानों आंदोलन पर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों के 2 किलोमीटर तक ऐसा घेरा बना दिया गया है जैसे कांजी हाउस में जानवरों के लिए होता है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ कि किसानों ने 70 दिन तक आंदोलन किया हो। वही पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह ने सदन के बाहर कहा कि इस विषय पर छत्तीसगढ़ में पिछले 3 सालों में 600 किसानों ने आत्महत्या की है। सरकार खुद को किसानों का हितैषी कहती है,लेकिन नवा रायपुर की घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में किसानों के साथ क्या सलूक किया जा रहा है।
सियाराम पटेल की मौत के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है क्योंकि इतने लम्बे आंदोलन के दौरान किसानो से कोई सार्थक चर्चा नहीं की गई। पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस सरकार की संवेदना राज्य के किसानों के प्रति नहीं हैं,उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में घटी घटना के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों को 50 लाख रूपये मुआवजा देते है.लेकिन छत्तीसगढ़ में किसान की मौत होती है, तो 50 लाख की जगह चार लाख दिया जाता है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायकों ने स्कूलों में व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षकों के भर्ती के मुद्दे पर भूपेश सरकार को जमकर घेरा।इतना ही नहीं, सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा भी किया। पूर्व मंत्री और भाजपा के सीनियर विधायक अजय चंद्राकर ने सदन के माध्यम से सरकार से सवाल पूछा कि राज्य के स्कूलों 15580 शिक्षक में अब तक शिक्षक , सहायक शिक्षक , व्याख्याता की कितनी भर्ती हुई है ?