बोलता गांव डेस्क।।
छत्तीसगढ़ की विधानसभा में शुक्रवार को माहौल हंगामेदार तो रहा ही, बीच-बीच में नेताओं में चले हंसी-मजाक और तंज ने रहा कई । जनता से जुड़े कई अलग-अलग मुद्दों पर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा था। इसी बीच विपक्षी नेताओं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच कुछ ऐसी बातचीत हुई कि माहौल में हंसी और एक दूसरे पर तंज कसने की होड़ नजर आई।
पहले भाटापारा से बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई देते हुए कहा कि कल के नतीजे के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आपका क़द बहुत बढ़ गया है। बस इतना बता दीजिए एक सीट कितने की पड़ी?
इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि आप लोग रात भर चिंतन किए हैं कि हंटर वाली आएंगी तो क्या होगा? शिवरतन शर्मा ने फिर कयास लगाया कि एक सीट पाँच सौ करोड़ की पड़ी होगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की 273 सीट आई है, तो बीजेपी को कितने की पड़ी? अब की बार बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि, कांग्रेस की एक सीट कितने की पड़ी। इस पर भूपेश बघेल ने त्वरित टिप्पणी करते हुए कहा, प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्री पंजाब गए थे। उतना ही लोड पड़ा जितना पंजाब में आपको पड़ा।
विस अध्यक्ष का जुदा अंदाज
सदन में जब विधानसभा अध्यक्ष पहुंचे तो उनके सफेद कपड़ों को देखकर अजय चंद्राकर ने गुरुवार का जिक्र करते हुए कहा - आप तो कल कलरफुल में थे। अचानक सफेद-सफेद क्यों। जवाब मंे मुस्कुराते हुए चरणदास महंत ने कहा कि आज शुक्रवार है, इसलिए सफेदी की झंकार है । इसके बाद अजय चंद्राकर ने कुलदीप जुनेजा की तरफ देखकर कहा कि आज तो संसदीय सचिव वाला सवाल करूंगा। जुनेजा बोले- डराते क्यों रहते हो, जबरदस्ती में हर किसी को डराते रहते हैं।
किसी ने टोका नहीं ये सफलता
अपनी बात रखते हुए विधानसभा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा- पूरे बजट के दौरान एक बार भी हमारे सदन के सदस्यों ने टोका-टाकी नहीं की, यह इस बजट की सफलता है। भाजपा की ओर इशारे में सीएम बोले छत्तीसगढ़- उस समय छत्तीसगढ़ नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज नक्सल घटनाओं में कमी आई। 3000 स्कूलों का बंद होना आपकी है। आपने बोनस नहीं दिया और अब हमें कहते हैं कि बोनस दो। आपके कार्यकाल में किसान आत्महत्या करते थे।
मेरे पास भारत सरकार के आंकड़े है, हमारे राज्य की सड़कों में 99.75 कार्यों को संतोषप्रद पाया गया। जो लोग दुनिया में नहीं हैं, आप उनसे सवाल करते हैं। उत्तर पाने के लिए वहीं जाना पड़ेगा । मेडिकल कॉलेज में हमारे तीन साल के कार्यकाल में कोरबा, कांकेर, महासमुंद और दुर्ग की स्वीकृति मिली है। जल्द ही कार्य शुरू होगा। यहां के किसानो, मज़दूरो के हित में कर्ज लेना पड़े तो लेंगे लेकिन समझौता नहीं करेंगे। हम लगातार रोजगार दे रहे हैं, इसलिए स्थापना व्यय बढ़ा है। कुपोषण में कमी आई है। हम बीपीएल, गरीब परिवार, 35 किलो प्रति परिवार चांवल दे रहे हैं।इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है।