बोलता गांव डेस्क।।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बलिया जिले के बांसडीह विधानसभा सीट में दुर्ग शहर की बेटी और बहू केतकी सिंह ने भारी मतों से जीत दर्ज की है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पिछले 5 बार से विधायक रहे राम गोविंद चौधरी को 21134 मतों के भारी अंतर से हरा दिया है। केतकी इससे पहले भी इसी विधानसभा सीट से दो चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। केतकी की जीत के बाद दुर्ग में जश्न का माहौल है। उनके घर में मिठाइयां बांटी जा रही हैं और पटाखे फोड़े जा रहे हैं।
दुर्ग शहर के हनुमान नगर स्थित बलिया पुरम केतकी सिंह का ससुराल है और वहीं से 100 मीटर की दूरी पर उनका मायका भी है। जब भास्कर की टीम उनके मायके पहुंची तो वहां ताला लगा था। पता चला कि वहां उनकी मां रहती हैं जो कि दिल्ली अपनी दूसरी बेटी के पास गई हैं। वहां से जब केतकी सिंह के ससुराल पहुंचे वहां आतिशबाजी और पटाखे फूट रहे थे। वहां कुछ लोग मिले। उन्होंने बताया कि घऱ के सभी सदस्य जीत का जश्न मनाने के लिए बलिया चले गए हैं।
घऱ में केतकी सिंह के देवर प्रशांत सौरभ सिंह और देवरानी बबली सिंह मिले। प्रशांत ने बताया कि हमारे घर राजनीतिक बैकग्राउंड है। उनके चाचा भाजपा के बड़े नेता हैं। शादी के बाद बड़े भाई शांत स्वरूप सिंह की नौकरी बलिया में लग गई। उसके बाद केतकी सिंह अपने पति के साथ पैत्रक गांव में ही रहने लगी। इसी बीच उन्होंने अपने पति से राजनीति में आने की बात कही। पहला चुनाव उन्होंने बांसडीह से भाजपा के टिकट पर से ही लड़ा, पर हार गईं। दूसरा चुनाव निर्दलीय लड़ा और प्रतिद्वंदी रामगोविंद को कड़ी टक्कर दी। इसके बाद फिर भाजपा ने मौका दिया और इस बार जीत दर्ज की।
परिवार ही नहीं बाहर के लोगों की हर तकलीफ में खड़ी रहती थीं केतकी
देवरानी बबली सिंह ने बताया कि केतकी सिंह काफी समझदार और दूसरे का साथ देकर चलने वाली हैं। वह घर के सदस्यों के हर दुख तकलीफ में तो खड़ी रहती ही थीं साथ ही बाहर के लोगों की हर तकलीफ में साथ देती थीं। उन्हें ससुराल भी राजनीतिक बैकग्राउंड का मिला, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला और आज उन्होंने इतनी बड़ी जीत हासिल करके इतिहास रचा है। उन्होंने सपा के इतने बड़े कद्दावर नेता को हराया, इससे उनका मंत्री बनना भी लगभग तय है।
एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बांटी खुशियां
दुर्ग स्थित बलिया पुरम में केतकी सिंह के ससुराल वालों और उनके सभी नाते रिश्तेदारों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की खुशी मनाई। ससुराल के लोगों ने भी उन्हें बचपन से देखा और जाना है तो उनके बचपन और स्कूल के दिनों की भी चर्चाएं वो लोग करते नजर आए।