बोलता गांव डेस्क।। बोलता गांव डेस्क।।
क्राइसिस मैनेजमेंट में माहिर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को आलाकमान ने गोवा की कमान सौंपी है। उन पर विधायकों को टूटने से बचाने और किसी भी हाल में सरकार बनाने की जिम्मेदारी है।
वहीं, गोवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए सभी कैंडिडेट्स के होटल में रुकने की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि किसी भी कैंडिडेट पर यहां रुकने का दबाव नहीं बनाया गया है। जो जब चाहे घर जा सकता है, क्योंकि हमें हमारे नेताओं पर पूरा भरोसा है। यह पुरानी नहीं बल्कि नई कांग्रेस है। इस बार BJP अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी।
जो BJP के खिलाफ है, उससे गठबंधन करेंगे
चोडनकर ने कहा कि हमें बहुमत मिल रहा है, लेकिन कुछ सीटें कम भी पड़ीं तो हम सरकार बनाएंगे। सिर्फ केजरीवाल और ममता ही नहीं बल्कि जो भी BJP के खिलाफ है, उससे हम गठबंधन के लिए तैयार हैं। सभी की आपस में चर्चा भी जारी है।
चोडनकर बोले, गोवा में पुरानी कांग्रेस अब नई BJP बन चुकी है। सभी नेता पावर के लिए BJP में शामिल हुए। ऐसे में BJP को अपने विधायकों को संभालने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि उनके कई विधायक दूसरी पार्टियों में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं।
MGP के साथ गठबंधन कर सकती है BJP
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी यानी MGP ने चुनाव तो ममता बनर्जी की TMC के साथ मिलकर गठबंधन में लड़ा है, लेकिन नतीजों के बाद वो कांग्रेस या BJP के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।
BJP के नेता MGP से संपर्क में हैं और जरूरत पड़ने पर उसका सपोर्ट ले सकते हैं, इसके एवज में MGP के विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। BJP के नेता निर्दलीय कैंडिडेट्स से भी बात कर रहे हैं। 4 सीटों पर निर्दलीय जीत सकते हैं।
सरकार बनाने के लिए 21 विधायक चाहिए
गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए कम से कम 21 सीटें चाहिए। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 17 और BJP ने 13 सीटें जीती थीं, इसके बावजूद छोटे दलों से गठबंधन कर BJP ने सरकार बना ली थी।
बाद में कांग्रेस के करीब 15 विधायक भी BJP में शामिल हो गए थे। इसलिए इस बार कांग्रेस ने सभी नए कैंडिडेट्स को टिकट दिए। इसका पार्टी को फायदा मिलता भी दिख रहा है। अब कांग्रेस को डर है कि इनमें से भी कोई कैंडिडेट कहीं BJP के पाले में न चला जाए, इसलिए सभी को नतीजों के दो दिन पहले से ही होटल में रखा गया है। वरिष्ठ नेता निगरानी में लगे हैं।