बोलता गांव डेस्क।।
रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में नार्थ-ईस्ट फेस्टिवल का आयोजन हो रहा है। पहले दिन शनिवार की शाम यहां कलाकारों ने अपने-अपने राज्यों के खूबसूरत नृत्य पेश किए। दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर और संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की ओर से साइंस कॉलेज मैदान में चार दिवसीय नार्थ-ईस्ट फेस्टिवल का इन्हीं प्रस्तुतियों के साथ आगाज हो रहा है।
यहां असम से आए कलाकारों ने बिहू डांस पेश किया। ये असम में मनाए जाने वाले असमिया नव वर्ष की खुशियां मनाने वाला नृत्य है। रायपुर के मंच पर असम से आई लड़कियों ने बेहद खूबसूरत अंदाज में इस डांस को पेश किया। रंग-बिरंगी वेशभूषा और चमकीली मुस्कान ने इनकी प्रस्तुति को आकर्षक बनाया। परफॉर्म कर रही युवतियों ने रेशम से बनी एक पारंपरिक पोशाक मेखला सदोर पहन रखी थी।
मेघालय का डांस वांगला भी हुआ पेश
वांगला, यह गारोस जनजाति का एक फसल के बाद का त्योहार है जो हर साल गारोस के सूर्य देवता 'सलजोंग को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया जाता है, मेघालय में असानांग गाँव के निवासी गारो जनजातियों का सबसे प्रमुख त्योहार, नवंबर महीने के दूसरे हफ्ते में दो दिन तक मनाया जाता है। इस त्यौहार को 100 ढोलकों का त्योहार भी कहते है। इस दिन जनजाति के लोग चावल का सबसे पहला हिस्सा अपने देवी देवताओं को समर्पित करते हैं और अच्छे फसल के लिए धन्यवाद ज्ञापन करते हैं।
जब मंच पर आए 250 कलाकर
रायपुर के इस फेस्टीवल में 8 राज्यों के 250 कलाकार जुटे। शनिवार की शाम प्रस्तुति देते वक्त ग्रैंड परफॉर्मेंस के लिए सभी राज्यों के पूरे कलाकार रंग बिरंगी पोशाकों में एक साथ मंच पर आए और डांस किया। इससे पहले फेस्टिवल में प्रस्तुति देने वाली सभी टीमों ने शुक्रवार को मैदान में रिहर्सल की। फेस्ट के तहत क्राफ्ट और फूड मेला भी रखा गया है, जहां लोग 8 राज्यों की ट्रेडिशनल डिश का स्वाद ले सकेंगे। मेला सुबह 11 बजे से शुरू होगा। वहीं, डांस प्रोग्राम शाम 6 से रात 10 बजे तक चलेगा। कार्यक्रम में प्रवेश निशुल्क है। ये फेस्ट 4 दिनों तक चलेगा।