‘दूसरी भगदड़ की बात छिपाई, मरने वालों की संख्या भी गलत’, अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ हादसे पर अब क्या-क्या कहा?

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ का मामला अभी भी गरमाया हुआ है। विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार को घेर रहे हैं। शनिवार (1 फरवरी) को बजट पेश होने से पहले भी विपक्षी पार्टियों ने सरकार से जवाब तलब किया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार न केवल मौतों के असली आंकड़े छिपा रही है, बल्कि दूसरी भगदड़ की खबर को भी पूरी तरह दबा चुकी है।

 
‘यूपी सरकार जिम्मेदार, वीआईपी कल्चर हावी’
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “इस हादसे की पूरी जिम्मेदारी यूपी सरकार की है। महाकुंभ में अव्यवस्था चरम पर थी, दिखावे पर जोर था, और वीआईपी कल्चर हावी था। आस्था को इवेंट बना दिया गया है। हादसे के बाद सरकार असंवेदनशील बनी रही। कई लोगों की जान गई, लेकिन वास्तविक आंकड़े छिपाए गए। दूसरी भगदड़ की घटना को तो सामने ही नहीं आने दिया गया।”
 
‘पुलिस और मीडिया पर दबाव’
आजाद ने आरोप लगाया कि प्रशासन को सच्चाई छिपाने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा, “पुलिस और मीडिया को धमकाया गया, ताकि वे हकीकत न बता सकें। पुलिस प्रशासन को झूठ बोलने के लिए बाध्य किया गया। नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री योगी को इस्तीफा देना चाहिए। जब भी सरकार घिरती है, वह इसे साजिश बताने लगती है—विदेशी ताकतों, नक्सलियों का जिक्र किया जाता है। अभी तक ऐसा कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन जल्द ही यह कहानी सामने आ सकती है। योगी जी को जवाब देना चाहिए कि आखिर दूसरी भगदड़ में हुई मौतों की जानकारी क्यों छिपाई गई?”
 
‘मौतों का सही आंकड़ा बताए सरकार’
अखिलेश यादव ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “यूपी के मुख्यमंत्री नैतिक रूप से अपनी जिम्मेदारी खो चुके हैं। अब देखना है कि वे राजनीतिक रूप से कब जाएंगे। सरकार मृतकों की असली संख्या इसलिए छिपा रही है ताकि मुआवजे से बच सके। पहले सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हादसे में कितने लोगों की जान गई, पूरी सूची सार्वजनिक करे, शवों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करे और लापता लोगों की सही जानकारी दे।”
 
उन्होंने आगे कहा, “महाकुंभ में वीआईपी के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, लेकिन आम जनता के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। सरकार ने जगह-जगह कुंभ में आने का निमंत्रण दिया, खास मेहमान बुलाए, लेकिन जबरदस्त प्रचार के बावजूद सुरक्षा और प्रबंधन की तैयारी अधूरी रही। अब तो साधु-संत तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर झूठ बोलने का आरोप लगाने लगे हैं।”
 
‘दो भगदड़ों का दावा, सरकार चुप’
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान से ठीक पहले रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई थी। प्रशासन के अनुसार, इस हादसे में 30 लोगों की जान गई, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और कई रिपोर्ट्स के मुताबिक यह संख्या काफी अधिक हो सकती है। कुछ रिपोर्टर्स ने तो 40 शव देखने का दावा किया है। इसके अलावा, उसी दिन तड़के भी एक और भगदड़ की बात सामने आई, जिसमें भी कई लोगों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, यूपी सरकार ने इस दूसरी भगदड़ को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
 
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Last modified on Saturday, 01 February 2025 13:34

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