क्या है इंटरपोल का 'सिल्वर नोटिस', सीमा पार छिपी अवैध संपत्तियों का कैसे लगाएगा पता?

भारत में अपराध करके विदेश भाग जाने वाले भगोड़ों के लिए इस नए साल से और अधिक मुश्किलें आना शुरू होंगी। इसके दो अहम कारण बताए गए हैं। जिसमें विदेशों में छिपे वांटेडों को जहां इंटरपोल के माध्यम से भारत लाने का काम करने वाली एजेंसी सीबीआई ने इस साल और अधिक वांटेडों को भारत लाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

वहीं 10 जनवरी को इंटरपोल द्वारा एक नया सिल्वर नोटिस जारी किया गया है। जिसके माध्यम से मानव तस्करी, ड्रग्स, साइबर क्राइम, आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार समेत किसी भी तरह के अपराध से कमाए पैसों से अपराधियों द्वारा विदेशों में बनाई प्रॉपर्टी का पता लगाना और उस पर अंकुश लगाना आसान हो जाएगा। इंटरपोल ने पहले से अपने आठ अलग-अलग रंग के नोटिसों में 10 जनवरी से यह सिल्वर कलर का एक नया नोटिस जोड़ा है। जो अपराधियों के अपराध के पैसों से विदेशों में खड़ी की गई संपत्ति का पता लगाने का अहम काम करेगा।

 

इंटरपोल ने पहला नोटिस इटली के अनुरोध पर जारी किया है। फिलहाल सिल्वर नोटिस वाला सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत समेत 52 देशों के साथ शुरू किया गया है। जो की इस साल के नवंबर तक चलेगा। कामयाबी मिलने पर इसे तमाम 195 देशों के साथ शुरू कर दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह सिल्वर नोटिस अपराधियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने के लिए बेहद कारगर साबित होगा। भविष्य में इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

बीते साल से ऐक्शन में है सीबीआई

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने 2024 में इंटरपोल के माध्यम से 170 नोटिस जारी कराए थे। इनमें 100 रेड कॉर्नर नोटिस थे। इनके माध्यम से विदेशों में छिपे 30 भगौड़ों को भारत डिपोर्ट कराने में कामयाबी मिली थी। इस मामले में इस साल और अधिक काम किया जा रहा है। इसके तहत ही सीबीआई ने अपने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को इंटरपोल के साथ अटैच किया है। जिसमें दो को इंटरपोल के फ्रांस स्थित हेडक्वार्टर में और एक सिंगापुर में। इससे दुनिया के 195 देशों में जहां कहीं भी भारत का वांटेड छिपा होगा। उसे जल्द से जल्द भारत लाने के काम में और तेजी लाई जाएगी।

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