ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत को 3-1 से हरा दिया. इस जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में अपनी जगह पक्की की. इससे पहले पाकिस्तान को हराकर साउथ अफ्रीका वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी. बहरहाल इन दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल में खेला जाएगा? लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए टीमों को प्वॉइंट्स कैसे मिलते हैं? अगर इसे आसान भाषा में समझा जाए तो प्वॉइंट्स, रैंकिंग्स, पर्सेंटेज प्वॉइंट्स और डॉक्ड प्वॉइंट्स को आधार बनाया जाता है.
इस तरह होता है प्वॉइंट्स का बंटवारा
किसी टीम को जीतने के बाद 12 प्वॉइंट्स मिलते हैं, लेकिन अगर मैच ड्रॉ हो तो दोनों टीमों के बीच 4-4 प्वॉइंट्स बांट दिए जाते हैं. अगर टेस्ट टाई पर खत्म हो तो क्या होता है? दरअसल अगर टेस्ट टाई पर खत्म होता है तो दोनों टीमों को 6-6 प्वॉइंट्स मिलते हैं. इसके अलावा अगर किसी टीम को स्लो ओवर रेट के कारण दोषी पाया जाता है तो उसके 1 प्वॉइंट्स कट जाते हैं. लेकिन इन सबके बीच सबसे अहम होता है पर्सेंटेज प्वॉइंट्स. मुख्यतः इसके आधार पर ही टीमों को रैंकिंग्स मिलती है. अब सवाल है कि किसी टीम को पर्सेंटेज प्वॉइंट्स किस आधार पर दिए जाते हैं?
पर्सेंटेज प्वॉइंट्स का है सारा खेल...
पर्सेंटेज प्वॉइंट्स का कैलकुलेशन किसी टीम द्वारा प्राप्त कुल अंकों को सभी मैचों में उनके द्वारा प्राप्त प्वॉइंट्स से विभाजित कर निकाला जाता है. दरअसल यह कैलकुलेशन शुरूआती दिनों में फैंस के अलावा क्रिकेटरों के समझ से परे था. यहां तक इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर बेन स्टोक्स ने कहा था कि इस कैलकुलेशन को समझना आसान नहीं है. लेकिन अब माना जा रहा है कि समय बीतने के साथ फैंस के अलावा क्रिकेटर पर्सेंटेज प्वॉइंट्स का कैलकुलेशन आसानी से समझ पा रहे हैं. हालांकि, अब भी बड़ी तादाद में फैंस के लिए पर्सेंटेज प्वॉइंट्स का कैलकुलेशन अबूझ पहेली बनी हुई है.