बोलता गांव डेस्क।। गोवा की 40 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार शनिवार को खत्म हो गया। तटीय राज्य में अब सोमवार को सभी सीटों पर वोटिंग होगी, जिसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साथ ही सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। वैसे तो गोवा में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहता था, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की एंट्री से ये चुनाव ज्यादा दिलचस्प हो गया है।
गोवा विधानसभा में 40 सीटें हैं, जिसमें से बीजेपी के पास वर्तनाम में 17 सीटें हैं, जबकि उसे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (3 विधायक), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (3 विधायक) और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 15 है। इस बार के चुनाव में कुल 301 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, स्थानीय दल और निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
पर्रिकर के बेटे ने की बगावत
दिवंगत मनोहर पर्रिकर किसी जमाने में गोवा में बीजेपी के संकटमोचन हुआ करते थे, लेकिन उनके बेटे ने अब पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उन्होंने पणजी सीट से टिकट मांगा था, लेकिन बीजेपी हाईकमान ने उससे इनकार कर दिया। जिस वजह से वो पणजी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक उत्पल को दो-तीन सीटों का ऑफर दिया गया था, लेकिन वो पणजी पर ही अड़े रहे। इस वजह से बात बिगड़ गई। अब अतानासियो मोनसेराटे बीजेपी के टिकट से मैदान में हैं। वो 2019 में कांग्रेस के 9 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे।
केजरीवाल ने की ये अपील
वहीं अरविंद केजरीवाल भी गोवा में मोर्चा संभाले हुए हैं। उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस को वोट ना देने की अपील की। केजरीवाल के मुताबिक अगर कोई बीजेपी के खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट कर रहा, तो कोई फायदा नहीं है, क्योंकि जीतने के बाद कांग्रेसी विधायक बीजेपी में ही शामिल हो जाते हैं।