पेरिस: विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने से सिर्फ एक जीत दूर हैं। 29 साल की विनेश फोगाट ओलंपिक कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन चुकी हैं। इस तरह विनेश फोगाट के पास ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनने का सुनहरा मौका है। 50 किलोवर्ग भारवर्ग के सेमीफाइनल में उन्होंने एकतरफा अंदाज में अपनी क्यूबन प्रतिद्विंद्वी पहलवाना युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराया। शुरुआती पीरियड में बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे पीरियड में आक्रामक शुरुआत की और प्रतिद्वंद्वी पहलवान के दाएं पैर पर मजबूत पकड़ के साथ 5-0 की बढ़त बना ली। क्यूबा की पहलवान ने इसके बाद विनेश पर पकड़ बनाने की कोशिश की, लेकिन विनेश के शानदार रक्षण के आगे उनका प्रयास विफल हो गया। इस स्पर्धा का फाइनल बुधवार को खेला जाएगा।
इतिहास रचने का सुनहरा मौका
विनेश ओलंपिक में पहली बार 50 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश कर रही है। इससे पहले वह 53 किग्रा वर्ग में खेलती थी। विनेश के पास ओलंपिक छोड़ हर बड़े खेल का पदक है। इसमें राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण, एशियाई खेल का खिताब, विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य के साथ एशियाई चैंपियनशिप के आठ पदक शामिल हैं। वह रियो और तोक्यो ओलंपिक में हालांकि पदक नहीं जीत सकी थी। 29 साल की विनेश फोगाट ने पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण सिंह शरण पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए काफी समय मैट से दूर बिताया था।
चमत्कारिक रहा फाइनल तक का सफर
विनेश फोगाट ने इससे पहले ओलंपिक खेलों में बड़ा उलटफेर करते हुए अब तक अपराजेय मौजूदा चैम्पियन युई सुसाकी को शिकस्त देने के बाद यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल मैच में लोपेज ने शुरुआती पीरियड में विनेश के पैर पर पकड़ बनाने की कोशिश की, लेकिन उनके अतिरक्षात्मक खेल के कारण भारतीय पहलवान को एक अंक की बढ़त बनाने की मौका मिल गया। पुरुष वर्ग में सुशील कुमार और रवि दाहिया को ओलंपिक फाइनल खेलना का अनुभव है लेकिन ये दोनों रजत पदक ही जीत पाये थे, ऐसे में विनेश के पास कुश्ती में देश का पहला स्वर्ण पदक विजेता बनने का मौका होगा।