प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे पर पहुंच चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी क्वाड के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं. बुधवार रात वाशिंगटन पहुंचे पीएम मोदी के दौरे का आज पहला दिन है. आज वो ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और महत्वपूर्ण वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर बात करेंगे. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों, खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी आज उन चुनिंदा कॉरपोरेट्स प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे, जिनमें भारत में महत्वपूर्ण निवेश करने की क्षमता है.
मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद सातवीं बार अमेरिका पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री तीन दिन की यात्रा पर अमेरिका आए हैं. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी अपने दिन की शुरुआत अमेरिका में चुनिंदा कॉरपोरेट प्रमुखों के साथ बैठक से करेंगे. इन कॉरपोरेट्स में क्वालकॉम, एडोब, ब्लैकस्टोन, जनरल एटॉमिक्स और फर्स्ट सोलर के प्रमुख शामिल होंगे.
कॉरपोरेट्स के साथ होगी पीएम मोदी के दिन की शुरुआत
खबरों के अनिसार , ‘प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में चुनिंदा कॉरपोरेट्स के साथ बातचीत से अपने दिन की शुरुआत करेंगे. ये वो सीईओ हैं जो काफी बड़े कॉर्पोरेट हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसी कंपनियां जो अपने क्षेत्र में काम को लेकर पूर्ण रूप से निपुण हैं, जिन्होंने भारत में निवेश किया है और भारत में महत्वपूर्ण निवेश करने की क्षमता है.’
उन्होंने कहा, ‘ये कॉरपोरेट्स टेक्नोलॉजी, आईटी सेक्टर, डिफेंस सेक्टर और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं. कुल मिलाकर यह सीईओ का एक बहुत अच्छा मिश्रण है, जिनसे पीएम मोदी आज मुलाकात करेंगे’
आज दोपहर ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन से मिलने का कार्यक्रम
गुरुवार दोपहर प्रधानमंत्री मोदी का ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मिलने का कार्यक्रम है. अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री मॉरिसन से मुलाकात को लेकर उत्सुक हैं. उन्होंने कहा, ‘दोपहर में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन से मिलेंगे. वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के मौके पर पहले भी कई बार मिल चुके हैं, प्रधान मंत्री मॉरिसन ने हाल ही में प्रधान मंत्री मोदी को फोन करके AUKUS एलायंस की योजना के बारे में जानकारी दी थी.’
अधिकारी ने कहा, ‘दोनों की मुलाकात लंबे समय से लंबित है, क्योंकि प्रधानमंत्री मॉरिसन को पिछले साल जनवरी में भारत का दौरा करना था, लेकिन वह यहां नहीं आ सके थे. इसके बाद मई 2020 में भी उनके आने का कार्यक्रम था लेकिन COVID की स्थिति के कारण वह नहीं आ सके.’
बिडेन से मुलाकात पर होंगी सबकी नजरें
बिडेन 24 सितंबर को यानी कल व्हाइट हाउस में पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे. 20 जनवरी को बिडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत बैठक होने जा रही है. बिडेन के साथ भारत-अमेरिकी वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे और आपसी हित से जुड़े वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. बिडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान के घटनाक्रम के अलावा कट्टरपंथ, चरमपंथ व सीमा पार से होने वाले आतंकवाद की रोकथाम के तरीकों तथा भारत-अमेरिका वैश्विक साझेदारी का और अधिक विस्तार करने पर मुख्य रूप से चर्चा करेंगे.
कमला हैरिस के साथ बैठक में होगी अहम बातचीत
इसके बाद वह व्हाइट हाउस आएंगे जहां वह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ( से उनके औपचारिक कार्यालय में मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों पक्षों के हित से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘हमने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ चर्चा के लिए एक घंटे का समय निर्धारित किया है. इस चर्चा में दोनों पक्षों के हित के कई मुद्दे शामिल होंगे, जिसमें COVID-19 के प्रबंधन, उच्च तकनीक और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के मुद्दे शामिल हैं.’
क्वाड शिखर सम्मेलन में किन मुद्दों पर होगी बात?
इस यात्रा के दौरान क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ हिस्सा लेंगे. क्वाड लीडर्स समिट में भाग लेने के लिए अमेरिका रवाना होने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी यात्रा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक अवसर होगा. उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. अमेरिका क्वाड समूह की मेजबानी कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे. इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है.
अपनी यात्रा का समापन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में वैश्विक चुनौतियों, खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने संबोधन से करेंगे.