सपा और कांग्रेस में कलह बढ़ी! सपा नेता बोले- 'राहुल गांधी में नेतृत्व का घोर अभाव, अब नहीं सुधरेंगे'
UP Politics: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बीते कुछ दिनों में दूरियां बढ़ती हुई नजर आ रही है. अब सपा के एक नेता के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है.
UP News: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच एक बार फिर से दूरियां बढ़ते हुए नजर आ रही है. पहले महाराष्ट्र में सपा ने महा विकास अघाड़ी से अलग होने का ऐलान किया. इसके बाद संसद में सपा सांसदों के जगह बदले जाने पर विवाद बढ़ा तो अब सपा के कुछ नेताओं के बयानबाजी से सियासी पारा हाई हो गया है. सपा के एक नेता ने राहुल गांधी की तस्वीर शेयर कर प्रतिक्रिया दी है.
सपा नेता आईपी सिंह ने राहुल गांधी की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'इन्होंने जिद कर ली है कि ये अब नहीं सुधरेंगे. जनता ने, विपक्षी दलों ने बहुत अवसर दिया इनमें नेतृत्व का घोर अभाव है. उम्र 55 की, दिल बचपन का, 1989 की भांति विपक्ष को नया नेता चुनना ही होगा जो सत्ता परिवर्तन कर सके.' इस तस्वीर में राहुल गांधी जयपुर में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ दिख रहे हैं. इसके अलावा कुछ और कांग्रेस नेता भी हैं.
इसके अलावा सपा नेता ने पार्टी के प्रमुख महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव का एक वीडियो शेयर किया है. इसमें रामगोपाल यादव कांग्रेस से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी अभी भी इंडिया गठबंधन के नेता नहीं हैं. राजनीति में कोई साधु-संत बनकर नहीं आता है. सब कोई पद चाहता है. चाहे लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो, कांग्रेस ने कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है.'
क्या बोले सपा नेता
इस वीडियो में रामगोपाल यादव आगे कहते हैं, 'अगर लोकसभा के चुनाव में देखा जाए तो इनकी सरकार हिमाचल प्रदेश में है लेकिन वहां कांग्रेस चार में से सभी चार सीटें हार गई. इनकी सरकार तेलंगाना और कर्नाटक में है वहां भी आधी सीटें हार गए हैं. ये मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एक भी सीट नहीं जीते हैं. अगर जीते होते तो आज मोदी प्रधानमंत्री होते ही नहीं. इस वजह से लोगों में चर्चा होती है कि नेतृत्व परिवर्तन किया जाए.'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मैं इसमें पड़ता नहीं हूं, इंडिया गठबंधन है. ये गठबंधन ठीक है और रहना चाहिए. बिना गठबंधन के बीजेपी को हराया नहीं जा सकता है.' बता दें कि यूपी में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान भी सपा ने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी थी. वहीं सपा और कांग्रेस के नेताओं ने एक साथ चुनाव प्रचार भी नहीं किया था.