किसानों को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनकी आय को दोगुना करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने नवम्बर 2020 में एक जिला एक उत्पाद योजना की शुरुआत की है | इसके तहत देश के सभी जिलों के लिए एक फसल पंजीकृत की गई है | योजना के शुरुआत करते हुए कृषि तथा कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया था कि इस योजना से 8 लाख किसान सीधे तौर पर लाभन्वित होंगे | इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रूपये का बजट जारी किया है | जिससे देश भर में 2 लाख नई सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को वित्तीय लाभ पहुँचाया जायेगा | प्रारंभ में इस योजना से उत्तर प्रदेश को जोड़ा गया था | जिसकी सफलता को देखते हुए इसे देश भर में लागू किया गया है | अब इस योजना से जुड़ने वाले नए राज्यों में छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश भी शामिल हो गए हैं | अब यहाँ के किसान अपने जिले के पंजीकृत फसल की खेती एवं व्यापार कर सकते हैं | इसके लिए सरकार प्रशिक्षण के साथ–साथ अनुदान और ऋण भी उपलब्ध करायेगी |
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के लिए यह फसलें की गई चयनित उधानिकी विभाग ने एक जिला एक उत्पादन के तहत 9 फसलों को शामिल किया है | इसके तहत छत्तीसगढ़ उधानिकी विभाग अदरक, पपीता, आम, सीताफल, चाय, काजू, टमाटर, हल्दी एवं लीची को शामिल किया गया है | जिलेवार कौन सी फसलों का किया गया चयन राज्य उधानिकी विभाग ने 14 जिलों के लिए 9 उधानिकी फसलों को शामिल किया है | कुछ जिले में एक उत्पाद है तो कहीं दो जिलों में एक उत्पाद को शामिल किया गया है जो इस प्रकार है
- बालोद – अदरक
- सूरजपुर – हल्दी
- रायपुर एवं बेमेतरा – पपीता
- दंतेवाडा – आम
- गौरेला – पेंड्रा – मरवाही एवं कांकेर – सीताफल
- जशपुर – चाय
- कोंडागांव – काजू
- कोरिया, मुंगेली, रायगढ़ एवं दुर्ग के लिए टमाटर सरगुजा – लीची