एरोमेटिक कोण्डानार परियोजना : सुगंधित, औषधीय खेती अब बनेगी नवा छत्तीसगढ़ की पहचान, जानिए क्या है परियोजना Featured

रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले में सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभग 20 करोड़ रूपए की लागत की ‘सुगंधित कोण्डानार‘ (एरोमेटिक कोण्डानार) परियोजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस परियोजना में कोण्डागांव जिले में 2 हजार एकड़ भूमि पर सुगंधित फसलों की खेती की जाएगी। इस परियोजना के तहत् किसानों के समूह एरोमा हब द्वारा सुगंधित फसलों की सात प्रजातियों लेमन ग्रास, पामारोजा, पचौली, मुनगा, अमाड़ी, वैटीवर, तुलसी की खेती की जाएगी। सुगंधित फसलों को प्रोसेसिंग के लिए कोण्डागांव में स्थापित होने वाली प्रसंस्करण इकाई में भेजा जाएगा। इस परियोजना से जुड़े किसानों को प्रति एकड़ सालाना लगभग एक लाख रूपए की आमदनी होगी। 

एरोमेटिक कोण्डानार परियोजना 

लगभग 20 करोड़ रूपए की लागत से 2 हजार एकड़ में की जाएगी 
सुगंधित फसलों की खेती 

लगभग एक हजार परिवार होंगे लाभान्वित: प्रति एकड़ औसतन 
एक लाख रूपए की सालाना आय

लेमन ग्रास, पामारोजा, पचौली, मुनगा, अमाड़ी, वैटीवर, तुलसी की होगी खेती

एसेंशियल ऑयल प्रोसेसिंग प्लांट के लिए किया गया एमओयू 

 

इस परियोजना के लिए चिन्हित की गई भूमि में वन विभाग की एक हजार 575 एकड़ जमीन और 425 एकड़ भूमि व्यक्तिगत जमीन शामिल है। सुगंधित फसलों की कृषि के तहत् 200 परिवार प्रत्यक्ष रूप से और 750 परिवार परोक्ष रूप से लाभांवित होंगे। परियोजना में पहले ही वर्ष में 20 करोड़ रूपये की आय अनुमानित है और बाद के वर्षों में इसमें निरंतर बढ़ोत्तरी भी होती जाएगी। इसके अलावा इन सुगंधित फसलों के बीच काजू, नारियल, लीची, कस्टर्ड सेब इंटरक्राप पेटर्न में उगाया जाएगा। सुगंधित फसलों के प्रसंस्करण से एसेंशियन ऑयल तैयार करने के लिए प्रसंस्करण यूनिट कोण्डागांव में लगाई जाएगी। इसके लिए आज कार्यक्रम के दौरान ही सन फ्लेक एग्रो प्रायवेट लिमिटेड और कोण्डागांव जिला प्रशासन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस प्रसंस्करण प्लांट की क्षमता 5 हजार मेट्रिक टन होगी, जिसमें 250 लोगों को रोजगार मिलेगा।

 

 

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