बोलता गांव डेस्क।।
नई दिल्ली : कोराना का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े करने वाले मंजर आंखों के सामने आने लगते हैं। भले ही कोरोना का कहर पूरी दुनिया में अब थम चुका है लेकिन आए दिन दुनिया के अलग-अलग देशों में इसके नए वेरिएंट के चर्चे अब आम हो गए हैं। अब ब्रिटेन से यह खबर आ रही है कि ब्रिटेन में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट EG.5.1 तेजी से फैल रहा है, जिसे एरीस का नाम दिया गया है। जैसे ही कोरोना के नए वेरिएंट की चर्चा हर तरफ हो रही है। अब भारतीय लोगों की चिंता यह है कि यह कितना ज्यादा खतरनाक है. इसके लक्षण क्या है?
क्योंकि अब ब्रिटेन में सर्दियां शुरू होने वाली है ऐसे में कोरोना का नया वेरिएंट तेजी से अपने पैर पसार रहा है। जब से यह खबर सुर्खियों में आई है वहां के हेल्थ ऑफिसर्स चौकन्ने हो गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नया वेरिएंच ओमिक्रॉन का ही हिस्सा है। ब्रिटेन में इस नए वेरिएंट को लेकर पिछले महीने ही जानकारी मिली है। तब से वहां के लोग कोविड को लेकर खौफ में है।
आने वाले सप्ताह में आए दिन मामले बढ़ने की उम्मीद है
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) के मुताबिक कोरोनावायरस के 7 ऐसे मामले आए हैं जो एरीस वेरिएंट से जुड़े हुए हैं। लेटेस्ट डेटा के मुताबिक कोविड के कुल मामलों में से 14 प्रतिशत मामले को सिर्फ एरीस वेरिएंट से जुड़े हुए हैं। UKHSA का कहना है कि पिछले सप्ताह से इसकी तुलना करें तो कोविड-19 के केसेस हर हफ्ते तेजी से फैल रहे हैं। रेस्पिरेटरी डेटामार्ट सिस्टम की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 4 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं जिसमें से 5.4 प्रतिशत मामले कोविड के तौर पर पहचान कि गई गई है। पिछली रिपोर्ट में 4 हजार से ज्यादा टेस्ट में 3.7 प्रतिशत कोविड के मामले थे।
पहला मामला 3 जुलाई को आया था
पहला मामला 3 जुलाई को पता चला। जो भी बाहर से लोग आ रहे हैं उनकी खास स्कैनिंग की जा रही है। तब जाकर पता चला ये वेरिएंट काफी अलग है। ब्रिटेन में यह चिंता जताई जा रही है कि सर्दियों में ये मामले तेजी से फैलेंगे।
ब्रिटेन में कोविड की नई लहर की उम्मीद
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में ऑपरेशन रिसर्च की प्रोफेसर क्रिस्टीना पेजेल के मुताबिक ब्रिटेन में कोविड के न्यू वेरिएंट तबाही मचा सकती है। सितंबर में उम्मीद जताई जा रही है कि कोविड के मामले तेजी से बढ़ेंगे। कोरोना का नए वेरिएंट एरिस के लक्षण भी कोराना के दूसरे वेरिएंट की तरह ही हैं।
पहले कोविड वेरिएंट एरिस की निगरानी कब की गई थी?
यूकेएचएसए के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से एशिया में बढ़ती रिपोर्टों के कारण एरिस को शुरुआत में इस साल 3 जुलाई को निगरानी में एक संकेत के रूप में उठाया गया था। 10 जुलाई को, यूके के 11.8 प्रतिशत अनुक्रमों को एरिस के रूप में वर्गीकृत किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एरिस को निगरानी के तहत वेरिएंट की सूची में जोड़ा है।
कोविड वैरिएंट एरिस के लक्षण क्या हैं?
ज़ो हेल्थ अध्ययन के अनुसार, कोविड वैरिएंट एरिस के लक्षण:
गले में खराश
नाक बहना
बंद नाक
छींक आना
सूखी खांसी
सिरदर्द
गीली खांसी
कर्कश आवाज
मांसपेशियों में दर्द
गंध-सुगंध और टेस्ट न आना
अध्ययन से यह भी पता चला कि मुख्य लक्षण ओमीक्रॉन जैसे ही हैं। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक सांस लेने में तकलीफ, गंध की कमी और बुखार अब मुख्य लक्षण नहीं हैं। मामलों में वृद्धि के मूल कारण की अभी तक पुष्टि नहीं की गई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि खराब मौसम की स्थिति और घटती रोग प्रतिरोधक क्षमता की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। इससे अधिक लोगों में वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।
कोविड वैरिएंट एरिस से बचाव:
इस नए कोविड वेरिएंट से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका उचित स्वच्छता और लक्षण विकसित होने की स्थिति में सामाजिक दूरी बनाए रखना है. ऐसा माना जाता है कि यह स्ट्रेन कोविड जैसे सामान्य फ्लू जैसे लक्षण पेश करके खुद को प्रदर्शित कर सकता है।