बोलता गांव डेस्क।। कोरोना की तीसरी लहर ने बच्चों की शिक्षा पर ही पहला बड़ा हमला किया है। संक्रमण का हॉटस्पॉट बने रायपुर जिले में 12वीं तक के सरकारी और निजी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। कुछ सरकारी स्कूलों ने प्रशासनिक आदेश के इंतजार में बंदी नहीं की, लेकिन वहां उपस्थिति बेहद कम है। स्कूल कब तक बंद रहेंगे इसकी समय-सीमा तय नहीं है। इधर निजी स्कूलों ने 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के सामान्य संचालन की अनुमति मांगने का फैसला किया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को 4% से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूल बंद करने के निर्देश दिए थे। रायपुर में संक्रमण दर 6% से अधिक है। ऐसे में बिना किसी स्पष्ट प्रशासनिक आदेश के ही अधिकतर स्कूल बंद हो गए।
राजधानी रायपुर में बुधवार को कई इलाकों में स्कूल नहीं खुले। कुछ स्कूल असमंजस की वजह से खुले रह गए। वे लोग भी दूसरे स्कूलों से फोन कर पूछते रहे कि खुला ही रखना है कि हम भी बंद करें।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गाइडलाइन के बाद निजी स्कूलों और कुछ बड़े स्कूल प्रबंधन को बंद करने का आग्रह भेजा गया था।
स्कूल कब तक बंद रहेंगे यह अभी तय नहीं है। स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला संक्रमण दर कम होने के बाद हालात की समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा।
इधर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपने सभी स्टेक होल्डर को पत्र भेजकर 4% से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूलों को बंद रखने को कहा है।
यह सभी जिलाें के लिए नहीं है। एसोसिएशन का कहना है कि वह बच्चों का टीकाकरण पूरा होने के बाद 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के सामान्य संचालन की छूट देने का आग्रह करेगा।
एसोसिएशन ने ऐसे स्कूलों को भी उस दिन खुला रखने का आग्रह किया है जहां 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण केंद्र बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया, उन्हें मंगलवार शाम जिला शिक्षा अधिकारी का फोन आया था। उसके बाद उन्होंने सभी से स्कूल बंद रखने का आग्रह किया।