बोलता गांव डेस्क।। महिलाएं जो पहले घर एवं खेती-किसानी तक सीमित थी. वो आज आर्थिक रूप से सशक्त होकर घर की जिम्मेदारी उठा रही हैं. समूह की मेहनत को देख अन्य महिलाएं को भी प्रोत्साहन मिल रहा है. महिलाओं के समूह की लगन और मेहनत ने आज एक ही नही बल्कि कई महिलाओं को आर्थिक संबल दिया है. मछली पालन से अब महिलाओं को काम मिलने के साथ आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है.
रायगढ़ विकास खण्ड के ननसिया के पनखत्ती तालाब में किरण मछुआरा समूह को मछली पालन के लिए दस साल के पट्टे पर आबंटित किया गया है. जिसमें महिला समूह द्वारा 10 हजार रोहू, कतला एवं मृगल मछली बीज का संचयन किया जा रहा है. जिसमें विभागीय योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत का अनुदान प्राप्त हुआ.
समूह में 18 महिलाएं जुड़ी हुई है. समूह की महिलाओं द्वारा तालाब की साफ-सफाई कर, मछली बीज का संचयन किया गया. इसमें समय-समय पर आहार एवं खाद डाला जाता है. इसके साथ ही नियत समय में जाल चलाया जाता है, जिससे मछलियों के आकार में वृद्धि अच्छी हो सके.
महिलाओं के परिश्रम के फलस्वरूप जून माह में 15 क्विंटल मछली निकाला गया है. जिससें महिला समूह को 01 लाख 65 हजार रूपए की आमदनी हुई. तालाब से आगामी दिनों में लगभग 15 क्विंटल मछली निकाला जा सकता है. इससे समूह को संभावित 1 लाख 50 रूपए की आमदनी होगी. जिससे समूह को अच्छा लाभ और प्रोत्साहन मिला.
समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत को यही पर विराम नहीं दिया. महिलाओं ने समूह को अधिक सशक्त बनाने के लिए कुछ महिलाओं द्वारा मशरूम उत्पादन और गोठान में वर्मी खाद निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है. जिससे समूह की आय में वृद्धि होने के साथ महिलाओं को अधिक लाभ मिल सकेगा.