नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों ने तय की आईआईटी-एनआईटी की मंजिल.... Featured

बोलता गांव डेस्क।। मंजिलें उनकों मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उडान होती है। कुछ ऐसा ही हौसला इन नक्सल प्रभावित जिले के बच्चों में था कि आज वे सफलता के शिखर पर पहुचने के साथ अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ रहे हैं। कभी ठीक से हाई स्कूल तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाने वाले नक्सल प्रभावित जिले के बच्चों को जब उनके क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के माध्यम से स्वर्गीय राजीव गांधी प्रयास आवासीय विद्यालय जैसी उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं की सुविधाएं मिली तो वे इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित कई कठिन परीक्षाएं पास कर देश के आईआईटी सहित नामी शिक्षण संस्थानों में अपनी जगह बनाने लगे हैं|


देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आईआईटी बीएचयू में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग शाखा में अध्ययनरत् श्री तरूण कुमार पैकरा ने बताया कि वे कृषक परिवार से तालुक रखते है। सरगुजा जिले के गांव बमलाया में उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। कक्षा 9वीं से उन्होंने प्रयास विद्यालय में अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि कक्षा 9वीं और 10वीं में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा क्वॉलिफाई किया। इससे न केवल मेरे बेसिक्स स्ट्रॉन्ग हुए, बल्कि आत्मविश्विास भी बढ़ा। तरूण ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही इंजीनियरिंग क्षेत्र में करियर बनाने का सपना संजोकर रखा था, इसलिए गणित विषय लेकर आईआईटी-जेईई की तैयार शुरू की। शिक्षकों के सतत मार्गदर्शन और सहपाठियों के साथ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण से जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता मिली। 

आईआईटी पटना में अध्ययनरत राजनांदगांव जिले की जागृति कंवर ने अपनी सफलता के अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रयास विद्यालय में आईं तो मन में परिवार से दूर कैसे रहूंगी यही ख्याल था, पर प्रयास में एक नया और बहुत बड़ा परिवार मिला। जल्द ही यह महसूस हुआ कि पढ़ाई के लिए इससे अच्छा वातावरण हो ही नहीं सकता। यहां आकर अपना पूरा ध्यान आईटीआई में प्रवेश के लिए लगा दिया। शिक्षकों के मार्गदर्शन और परिश्रम से उन्हें यह सफलता मिली। उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम खपरी सिरदार में हुई है।  

सम्मानित होने वाले अन्य विद्यार्थियांे में आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रा कुमारी लिशा नेताम ने बताया कि उनके माता-पिता दोनों शिक्षक हैं, इसलिए घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल रहा है। कोण्डागांव में पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पा रही थी, जिसके कारण उन्होंने रायपुर में पढ़ने के लिए प्रयास प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और उनका चयन प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय गुढ़ियारी के लिए हुआ। प्रयास विद्यालय में पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। यहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन से उन्हें यह सफलता मिली है। 

कांकेर जिले के अंतागढ़ की छात्रा कुमारी देविका उइके ने बताया कि उन्हें 12वीं बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए और शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह एनआईटी रायपुर में अध्ययनरत है। इसी तरह बालोद जिले के विकासखण्ड डौंडी के ग्राम पथराटोला निवासी श्री मनीष कुमार रावटे ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 94.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वर्तमान में वे आईआईटी बीएचयू में अध्ययनरत हैं।

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