नई दिल्ली: भारतीय लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की आज पुण्यतिथि है. 7 अगस्त 1947 को यह महान हस्ती इस दुनिया को अलविदा कह गई थी. टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था. वह शिक्षाविद थे जिन्होंने एक यूनिवर्सिटी की स्थापना की और शिक्षा के पारंपरिक तरीके को चुनौती दी. टैगोर ने आठ साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी, 16 साल की उम्र में उन्होंने कहानियां और नाटक लिखना शुरू किए.
अपनी जिंदगी में उन्होंने अलग-अलग विषयों पर कविताएं, उपन्यास, कहानी संग्रह और कई लेख लिखे. टैगोर को संगीत से भी प्यार था. इसलिए उन्होंने हजारों की तादाद में गीत भी लिखे. उनके ज़रिए लिखे गए दो गीत आज भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान (India And Bangladesh National Enthem) हैं. रवींद्रनाथ टैगोर के इन्हीं कार्यों के चलते उन्हें साल 1913 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
रवींद्रनाथ टैगोर के विचार:
➤ हम यह प्रार्थना न करें कि हमारे ऊपर समस्या न आयें बल्कि यह प्रार्थना करे की हम उनका सामना निडर हो करे.
➤ हमें जीवन दिया गया है और हम इसके लिए कमाते हैं.
➤ प्यार अधिकार का दावा नहीं करता बल्कि यह आजादी देता है.
➤ जब मैं अपने आप पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ बहुत कम हो जाता है.
➤ अगर आप खड़े होकर सिर्फ पानी को देखोगे तो आप नदी पार नहीं कर सकते.
➤ कुछ भी न बोलना आसान है जब आप पूरा सत्य बोलने का इंतजार नहीं करते.
➤ हर वह कठिनाई जिससे आप अपना मुंह मोड़ लेते हैं वह एक भूत बन कर आपकी नीद में खलल डालेगी.
➤ जो कुछ भी हमारा है वो हम तक आता है, यदि हम उसे ग्रहण करने की योग्यता रखते हैं.
➤ वह जो भलाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त है. स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाता.
➤ उच्चतम शिक्षा वो नहीं जो हमें सिर्फ जानकारी देती है बल्कि वह है जो हमारे जीवन को सफलता का एक नया आयाम देती है.
➤ जब हम विनम्रता में महान होते हैं, तभी हम महानता के सबसे करीब होते हैं.
➤ आस्था वह चिड़िया है जो अंधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है.
saurce- zee News