बोलता गांव डेस्क।।
एक संक्रामक, लाइलाज चर्म रोग ने राजस्थान में पशुओं पर मानों कहर बरपाया हुआ है. राज्य में लगभग तीन महीने में 1200 से अधिक गायों की इससे मौत हो चुकी है और 25000 मवेशी संक्रमित हैं. रोग का कोई सटीक उपचार न होने के कारण यह तेजी से फैलता जा रहा है. इससे पशुपालकों विशेष रूप से गोपालकों की पेशानी पर चिंता की लकीरे हैं. अधिकारियों का कहना है कि गांठदार चर्म रोग वायरस (एलएसडीवी) या लंपी रोग नामक यह संक्रामक रोग इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के रास्ते भारत आया.
इस रोग के सामने आने के बाद राजस्थान में पशुपालन विभाग ने तेजी से कदम उठाए हैं और प्रभावित इलाकों में अलग-अलग टीम भेजी गई है. रोगी पशुओं को अलग-थलग रखने की सलाह दी गई है. केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने रोग से बड़ी संख्या में गायों की मौत की बात स्वीकारते हुए कहा है कि केंद्र सरकार केंद्रीय वैज्ञानिक दल की सिफारिशों के आधार पर उपचार के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
एक केंद्रीय दल ने हाल ही में प्रभावित इलाके का दौरा किया था. पशुधन पर इस रोग के कहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले जोधपुर जिले में पिछले दो सप्ताह में 254 मवेशी इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं.
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक (रोग नियंत्रण) डॉ. अरविंद जेटली ने जयपुर में ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘शुरुआत में यह रोग राज्य के जैसलमेर और बाड़मेर जैसे सीमावर्ती जिलों में देखने में आया, लेकिन बहुत तेजी से यह जोधपुर, जालोर, नागौर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और अन्य जिलों में फैल गया है. हमारी टीमें पहले से ही प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं.’’