बोलता गांव डेस्क।।
एक हाथ में लंबा धारदार चाकू लिए अंधेरे में एक युवक को धमकाते, गन्दी गालिया देते और फिर थप्पड़ जड़ते हुए दिखाई दे रही है मिस बच्ची, दूसरे वीडियो में एक अज्ञात घर पर घुसकर एक अन्य किशोरी को भयभीत करते वीडियो में दिख रही है पुलिस की मिस बच्ची। अचानक भयभीत किशोरी दीदी दीदी बोलकर मिस बच्ची को शांत करने की नाकाम कोशिश करती है और खतरनाक तरीके से मिस बच्ची उसे कुछ नहीं करुंगी बहन बोलकर पास बैठती है और बैठते ही उस डरी हुई लड़की को बटन चाकू निकालकर मारने लगती है… कमरे में दर्दनाक चीखें गूंजने लगती है…
कही 500 रूपये की नोट जलाकर और नोट में महंगा नशा लेती तस्वीरें हैं तो किसी में घातक आदतन जरायम पेशा अपना चुकी कम उम्र मिस बच्ची का सोशल मिडिया अकाउंट में 53 डेंजर पोज़ है। खतरनाक और दर्दनाक आदतों वाला मिस बच्ची का फोटो और वीडियो उसके गंभीर आपराधिक व्यव्हार को बेनकाब करता है। ….
ये सारा कच्चा चिटठा और किसी का नहीं बल्कि उस कथित नाबालिग हत्यारी का है, जिसने बड़ी बेरहमी से राजधानी रायपुर के कंकाली पारा में सरेराह दिनदहाड़े अपने से कई साल बड़े सुदामा नाम के गूंगे-बहरे व्यक्ति का चाकू से गाला रेत कर क़त्ल कर दिया।
इंस्टाग्राम में हज़ारों फॉलोवर पालकर रखने वाली इस कातिल नाबालिग के रिश्ते ईरानी डेरा के हर उस शख्स से गहरे थे जिसका पुलिस में पुराना रिकार्ड है। तक़रीबन 5 सालों से शहर में जिस्मफरोशी, रंगदारी और नशे के कारोबार से जुडी रही इस जगजाहिर मिस बच्ची से रायपुर की स्मार्ट पुलिस अनजान थी।
नाबालिग या किशोरी ?
आपराधिक टोली से गहरे रिश्ते रखने वाली मिस बच्ची की उम्र को लेकर भी विरोधाभास है। फिलहाल पुलिस उसे नाबालिग ही मानकर कार्रवाई कर रही है। लेकिन जल्द ही प्रक्रिया के तहत उसके किये अपराध और वीडियो-फोटो के आधार पर कोर्ट से बोन टेस्ट करने की अनुमति ले उम्र की तस्दीक करने तत्पर है। हालाकि युवती की हरकत आपराधिक सबूतों के आधार पर वह नाबालिग नहीं किशोरी मानी जा रही है, लेकिन यह टेस्ट के बाद ही पुख्ता होगा।
मां पर भी कर चुकी थी हमला
नशे की आदि कातिल मिस बच्ची ने क़त्ल से पूर्व नशे में अपनी मां पर भी चाकू चलाने की कोशिश की थी। घर वालों पर और पिता पर भी वह कई दफे आक्रामक हुई है। इसकी वजह भले ही नशा और बुरी संगत हो लेकिन उसके आपराधिक कार्यों से भी पूरा परिवार वाकिफ था। यह कहना गलत नहीं होगा की गैरकानूनी काम भी घर से मिली शह का ही नतीजा था, कि बिगड़ैल को सुधारने की या पुलिस को खबर करने की बजाये उसके किये पर पर्दा डालते रहे।